________________ कथं त्वेवं वदसि प्रातिकामिन् ] महाभारतस्थ [कथं नास्यापरा कथं त्वेवं वदसि प्रातिकामिन् 2. 60. 5. कथं दण्डयति प्रजाः 13. App. 15. 2597 post. ' कथं दत्तं महाफलम् 13. App. 14. 221A 20 post. कथं ददृशुराहवे 7. 61: 34. कथं दहन्दीप्त इवाश्रयाशः 8. 415*.4. कथं दाशरथी वीरौ 3. 261.20. कथं दासी भविष्यसि 1.75.214.. कथं दीनस्य सततं 1. 116. 20deg... कथं दुर्योधनोऽस्माभिः 10. 9. 31. कथं दुष्ट विजानीयात् 12. 104. 44deg: कथं दुःखमिदं तीव्र 9. 62. 13". कथं दुःखात्प्रमुच्यते 13. 115. 30. कथं देयं तिलान्वितम् 13. App. 15. 3360 post. कथं देवगणांश्चैव 3. 218. 80. कथं देवमुखो भूत्वा 1.7.16deg: कथं देवर्षिरुशना 12. 278.20. कथं देशाः कथं शैलाः 1. App. 114. 118 pr. कथं द्रक्ष्यथ तं प्रभुम् 12.323. 23. कथं द्रक्ष्यामि कौन्तेयं 7. 49.8". कथं द्रक्ष्यामि वः सर्वान् 3. 2. 136. कथं द्रक्ष्यामि विधवाः 9. 348*. 5 pr. कथं द्रुपदपुत्रस्य 1. 153. 10. कथं द्रोणस्य मृत्युदः 1. 1675*. 1 post. कथं द्रोणं महेष्वासं 7. 129. 2. कथं द्रोणान्महेष्वासात् 1. 153. 11". कथं द्रोणो जितः संख्ये 7. 105.7. कथं द्रोणो महेष्वासः 6. 49.1"; 98. 1". कथं द्रौणिकृपैर्गुप्तः 7. 1033*. 3 pr. कथं द्रौपदी केशपक्षे प्रधर्षीः 8. 934*. 2. कथं द्वादश वर्षाणि 3. 1. 5. कथं द्वादशवार्षिक्यां 9.50. 4". कथं द्विजवर प्राणान् 8. 1. 19deg. कथं द्वेष्याः सुतास्तव 13. 12. 40f. कथं द्वैतवने राजन् 12. 14.8". कथं धर्मच्छ लेनास्मिन् 12. 258. 90. कथं धर्मच्छलेनाहं 13. App. TA. 24 pr. कथं धर्मपरा यान्ति 14. App. 4.593 pr. कथं धर्मभृतां श्रेष्ठ 3. 200. 25*. कथं धर्मभृतां श्रेष्ठः- 1. 56. 90. 15. 23. 50. कथं धर्म करोति वा 12. 265. 1. कथं धर्म चरेयुस्ते 12. 65. 15. कथं धर्म लभेन्नरः 13. App. 15. 3123 post. कथं धर्मः प्रवर्तते 5. 207*. 4 post. कथं धर्मे स्थातुमिच्छन् 12. 93. 1"; 110. 1 . कथं धर्मोऽनुगच्छति 13. 112. 19". कथं धर्मोऽप्यधर्मो वा 13. App. TA. 218 pr.. कथं धारयिता चासि 7. App. 8. 786A 12 pr. कथं धारितवान्हरिः 12. 202:33. कथं धार्यो विपश्चिता 13. 576*. 2 post.... कथं न ज्ञेयमस्मामिः 6. 23. 39"..कथं न दीर्येच्छतधाद्य जिह्वा 8. App. 21. 22.. कथं न दृष्टासि रणे चरन्तम् 8. 1020*. 14. कथं न प्रत्युदेत्यद्य 13. 2. 62deg. कथं न मिद्येत न च स्रवेत 3. 225. 27". कथं न युध्येयमहं 4. 36. 23deg. कथं न राजवंशोऽयं 15. 23. 150. कथं न लिप्येयमहं 12. 192. 106. कथं न वध्यतां तात 1. 130. 150. कथं न वाच्यतां तात 1. App. 83. 17 pr. कथं न वासुदेवोऽयं 6. 62. 29deg.. कथं न विप्रणश्येम 12. 286. 33". कथं न शोचेन्न क्षुभ्येत् 12. 277. 3. कथं न शोचेयमहं न रुयाम् 1.71. 374. कथं न सर्वानहितारणेऽवधीत् 8. 26. 44deg. कथं न सीदत्यवनिः सशैला 3. 119. 224. कथं नस्तारयेदुःखात् 7. 148. 489. कथं न स्यात्तव प्रभो 1. App. 110. 11 post. कथं न स्यात्पिता मोघः 1. 221. 19. कथं न स्युरिमा गावः 9. 35. 20deg. कथं नः प्रामुयाद्यम् 1.299*.7post. कथं नागायुतप्राणः 1. 56.6". 3. 175.1". कथं नान्योन्यदर्शिनः 14. 22. 4... कथं नाभ्यतरंस्तात 7. 8. 19. कथं नाम कुले जातः 8. 33. 37. कथं नाम पितास्माकं 1.2151*. 1 pr. कथं नाम भवेत्कार्य 7. 32. 50. कथं नाम भवेदेतत् 8. 50. 20. .. कथं नाम भवेद्वेष्यः 12. 334.7". कथं नाम विपर्यासात् 3. 192. 4deg.. कथं नामोत्सहे वत्स 1. App. 82.21 pr.. कथं नायं राक्षसः कूटयोधी 7. 154.21. कथं नार्हति राजाहम् 4. 65. 21deg. . कथं नार्हामि विप्रताम् 13. 30. 124. कथं नाहॊऽग्रपूजने 2. 369*.2 pr. कथं नाविष्कृताः स्यामः 4. 149*. 1 pr. कथं नास्यापरानुयाम् 1. 43. 15t. -- 620 - aaka