Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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________________ महामारतस्थ [किरातशबराणांच कियत्यध्वनि तद्वनम् 14. 27. 3. किरन्तं शरजालानि 7. 177*.3 pr.. कियत्यो दक्षिणा दत्ताः 7. App. 8. 272 pr. किरन्तं शरवर्षाणि 7.72.30% App. 9. 1 pr. कियध्वानमस्माभिः 18.2.26. किरन्तं सायकान्बहून् 6. 106. 11'. कियहरं गमिष्यति 1. App. 86. 1A 5 post. किरन्तः शतशः शरान 7.74.304. कियन्तमध्वानमिदं हरामि 7. 1022*. 10. किरन्तः शरवर्षाणि I. App. 114. 421 pr. 7. 148. 44. कियन्तं कालमच्युतः 15. 36. 4. किरन्तः सर्वपुष्पाणि 13. App. 15. 189 pr. कियन्तं कालमवसत् 12. 331. 17deg3 App. 32. 19 pr. किरन्तः सायकान्बहून् 7. 15.33. कियन्तं कालमवसन् 3. 157. 12. किरन्ति च चितामेते 11. 23. 390. कियन्तं च त्वया कालं 3. 186. 127deg. किरन्तोऽद्भुतदर्शनाः 13. App. 15. 189 post. कियन्तं चैव कालं ते 1. 10.8*. 15. 1.3". किरन्तो यत्र चैवास्मान् 9. 127*. 1 pr. कियन्तं तत्र वक्ष्यामि 8. 28. 63*. किरन्तोऽर्जुनमाहवे 8. 19. 3. कियन्तं नौ भविष्यति 5.111.6". किरन्तो विविधाशरान 6. 104. 180. कियन्तो मृत्युना हताः 7. App. 8. 269 post. किरन्तो विविधान्बाणान् 6.91. 50. कियन्तो मे इषवः सच एव 8.815*.1. किरन्तो विविधांस्तीक्ष्णान् 7.91. 18. कियन्तो वा इषवो मेऽवशिष्टाः 8. 816*. 2. किरन्तो विशिखाशितान् 9.26. 49. कियन्मात्रा महीपालाः 5. App. 8. 12 pr. किरन्तौ विविधान्बाणान् 7.68. 28. कियान्दोषो भवत्युत 13. 360*. 1 post. किरन्तौ सायकान्बहून् 7. 147. 21. किरशरगणान्राजन् 7. 142. 42. किरन्त्यः समपूजयन् 4. App. 58.56 post. किरदशरशतानीव 8. 43. 30. किरनिषुगणान्धोरान् 8. 39. 2. किरशरशतान्बहून् 7. 143. 3763 145. 6703, App. 23. किरनिषुगणान्बहून् 7.42.6. . 17 post. 8. 55. 700%; 59: 36. किरनिषुगणांस्तीक्ष्णान् 7.67.2". किरशरशतान्येव 8. 18.59". किरनिषुसहस्राणि 7. App. 19. 17 pr. किरदारशतांस्तीक्ष्णान् 7. 149. 36. 9. 23. 53. किरन्बहुविधाञ्शरान् 6. 100. 11'. किरन्शरशतैरुपैः 8. 11. 17. किरन्बाणगणान्राजन् 7. 142.37'. किरशरशतैर्हृष्टः 7. 162. 48. किरन्बाणान्समभ्ययात् 7. अ. 30%; 481*. 2 post. किरशरशतैस्तदा 7. 143. 134. किरन्बाणान्सहस्रशः 6. 100. 16". किरशरशतैः परान् 7.7. 144. किरन्समन्तात्सहसा शरान्बली 7.94. 3. किरशरशतैः शितैः 7. 6. 32. किरन्हि शरजालानि 7. 166. 40%. किरशरसहस्राणि 4. 53. 67. 6. 91. 33deg. 7. 99. 1deg; किरातकिंनरावासं 3. 88. 17. 164.503 169.29. 14.83. 10. किराततङ्गणाकीणं 3. 141. 25". किरशरोधान्प्रययौ 7. 152. 18. किरातमुरसा बली 3.40. 47'. किरशरोधान्बहुरूपाविचित्रान् 8. 661*. 3. किरातराजश्व तथा 2. 47*.2 pr. किरशोणितभोजनान् 7. 164. 19%. किरातराजः सुमनाः 2. 4. 22%. किरणकेसरभासुरपिञ्जरः 7. 1264*. 2. किरातराजो यान्प्रादात् 7.87.28%. किरणेनोज्झितं पयः 12. 350. 5. किरातराज्ञो विषयं सुबाहोः 3. 174. 11. किरतां शरवर्षाणि 7. 25. 34. किरातरूपं त्र्यम्बकं तोष्य युद्धे 1. 1. 109. किरतोः शरजालानि 4.54.203; 972*.6 pr, किरातरूपी भगवान् 3. 40. 43", 44deg. किरद्भिरिव तत्रस्थान 1.23.50. किरातरूपी भगवान्यया च 8. 65.20deg. किरन्तमिषुसंघातान् 7. 8. 3deg. किरातरूपी सहसा 3. 40. 11'. किरम्तमेव स शरान् 14.73. 18. किरातवपुषा सह 1. 2. 107'.. किरन्तं निशिताशरान् 8. App. 1. 1 post. किरातवेषप्रच्छन्नं 3.40. 17. किरन्तं विशिखैः शितैः 7. 148. 284. किरातवेषप्रच्छमः 3. 40. 5. 4. 687*. 1 pr. लिगन्तं शत्रुवाहिनीम् 7. 186*. 3 post. किरातशबराणां च 13. App. 4.27 pr.. -730 -

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