Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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________________ कटस्थोऽक्षर अव्यक्तः] महाभारतस्थ [ कूलस्थः कूलमुत्तरम् कूटस्थोऽक्षर अव्यक्तः 12..483*.2 pr. . कूटस्थोऽक्षर उच्यते 6. 37. 16f. कूटस्थो विजितेन्द्रियः 6. 28.8. कूटस्य धार्तराष्ट्रेण 1. 102*. 1 pr. कूटोन्मुक्तं मुसलं लुब्धकस्य 16. 5.1. कूपमध्ये च या जाता 11. 6. 80. कूपमध्ये महानागं 11. 21*. 1 pr. कूपमप्राप्य चोदकम् 12. 10.9. कूपवीनाहवेलायां 11. 5. 13. कूपश्च भरतर्षभ 3. 81. 153. कूपस्त्रिदशपूजितः 3. 82. 95%. कूपस्त्वमिव पार्थिव 12. 83. 45. कूपस्थो मुनिसत्तमः 9. 35. 26deg. कूपस्नानरता नित्यं 12. App. 22. 14 pr. कृपस्नानं तु यो विप्रः 14. App. 4. 3290 pr. कूपस्य तस्य वेलायाः 12. App. 15. 28 pr. कूपं त्रिदशसेवितम् 3. 82..134'. कूपः प्रवृत्तपानीयः 13. 64. 4deg.. .. कूपा इव तृणच्छन्नाः 13. 33.96. कूपाश्छन्नास्तृणैरिव 12. 152. 16. कूपादङ्गुलिवेष्टनम् 1. 1368*. 4 post. कूपादुद्धर्तुमर्हसि 1. 73. 214. कूपाधस्ताच नागेन 11.5.20deg. कृपारामसभाप्रदाः 13. 24.97". कूपारामसभावाप्यः 1. 102. 11. कूपाश्च विविधाकाराः 5. 47*.3 pr. कृपाश्च सप्रस्रवणाः 2.9.21". कृपां नद्यां पिबन्निव 12. 233. 10*. कृपांश्च घृतसंपूर्णान् 1. 1753*.3 pr. कूपांश्चैवात्र खानयेत् 13. 67. 19". . कृपाः प्रस्रवणानि च 12. 139. 17'. कृपे कथं च हिस्वेनं 9.35.6". कूपे क्षिप्ता मनस्विनी 1. 758*. 2 post.. कूपेऽग्निमिव संवृतम् 4. 44. 18. कूपेऽग्निरिव संवृतः 4. 18. 10%; 378*.8 post. . कूपे च वसता तेन 9. 35. 30. कूपेऽतीव निरूदके 1.740*. 1 post.. .. कृपेऽऽत्मानमधःशीर्षे 13. 69.27". कूपे निरुदके तस्मिन् 1. 1365*. 4 pr. कूपेऽन्धमिव पातयन् 1. App. 3. 15 post... कूपे प्रक्षेपयामास 1.739*.2 pr. कूपे प्राप्ताः शिला इव 12. 237.8.. .. कूपे वा सलिलं दद्यात् 12. 179.6". कूपे वीरुत्तृणावृते 1. 73. 18. 9. 35. 29. कूपे संनिहिताः सदा 3. 82. 108".. कूबरश्च रथस्यासीत् 8. 258.2 pr. कूबरं रथचक्राणि 9. 13.7. कूबराणां वरूथानां 8. 19. 24deg.. कूबरा रथकूबरैः 6. 44.5*. कूबरावर्तसंधिषु 5. App. 5. 23 post. . . कूबरैरतिदुर्गमाम् 7. App. 15. 59 post. कूबरैर्मथितश्चापि 7. 97. 22. कूच वाप्यथ वा बृसीम् 5. 35. 11'. . कूर्दन्त्यः प्रियदर्शनाः 8. 30. 22". कूर्मकुक्कुटवक्त्राश्च 9. 44. 74.. कूर्मग्राइझषाकीर्ण 2. App. 15. 110 pr. कूर्मग्राहझपाकीणी 3. 61. 108. कूर्मग्राहसमाकुलम् 1. 19. 4". कूर्मनक्रमुखाश्चैव 10. 7. 18. कूर्मपृष्ठनिभा भूमिः 12. App. 29C. 130 pr. 13. App. ___317 pr. कूर्मपृष्ठसमा भूमिः 12. 300. 6deg. कूर्मपृष्ठोन्नतौ चापि 3. App. 6. 59 pr. कूर्मपृष्ठोपमां महीम् 1. App. 93. 31A 3 post... कूर्ममत्स्यगणाकीर्ण 7. 538*. 3 pr. कूर्ममत्स्याः सहस्रशः 1.217.94. कूर्ममत्स्यैश्च शोभिताम् 2. 3. 284. कूर्ममेकेन चाक्षिपत् 1. 25. 26". कूर्मरूपेण राजेन्द्र 3. 82. 104". कूर्मश्च कुलिकश्चैव 1. 59. 40deg. कूर्मश्चर्मापहारकः 13. 564*. 1 post. कूर्मश्चिन्तयते पुत्रान् 1. App. 105.6 pr. कूर्मस्त्रियोजनोत्सेधः 1. 25. 24deg. कूर्म स्थल इवोद्धृतम् 4.22.2. कूर्मः संहरते पुनः 12. 187.6; 239. 40; 313. 39. कूर्मान्कर्कटकानक्रान् 12.29.24". .. कूर्मेण तु तथेत्युक्त्वा 1. 16. 11". कूर्मोऽङ्गानीव सर्वशः 6. 24. 58. 12. 21.33; 168. 40'3; ___App. 4. 26.post. 14. 46. 42". कृमोत्सृजति भूयश्च 12. 590*.5 pr. कूर्मोऽप्यन्तर्जलेशयः 1. 25. 21. कूर्मोऽप्यभ्युद्यतशिराः 1. 25. 23..... कूर्मो मत्स्यस्तथा शङ्ख: 13. App..4.29 pr. कूलपातमिवास्थिरम् 12. 309. 15. कूलमावृत्य तिष्ठति 13. App. 14. 158 (subst.) 1 post. कूलस्थः कूलमुत्तरम् 4. 13. 19".... -786

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