Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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________________ कुशिकानामुदारधीः] लोकपादसूची [ कूटस्थामन्त्रवस्व से कुशिकानामुदारधीः 1. 164.6. कुशिकानां तपोधनः 13. 52.94. कुशिको नाम धर्मज्ञः 12. 49. 39. कुशिको भार्यया साधैं 13. 52. 13. कुशीलवाः सकितवाः 12. 89. 13deg. कुशीलवो देवलकः 13. 90. 10. कुशेन च लवेन च 13. 589*.1 post. कुशेशयवनश्छन्नाः 13. App. 15. 3659 pr. कुशेशयं च देवत्वं 13. 26. 10deg. कुशेशयापीडनिभे दिवाकरे 7. 48. 41:. कुशेषु शयितस्तदा 12. 263. 13. कुशैरास्तीर्य मेदिनीम् 2. 28. 30deg. कुशैदिमिवाध्वरे 7. 35. 224. कुशैस्तु भूमौ शयनं चकार 1. 184.8". कुशोच्चयनिषण्णः सन् 12. 189. 12. कुश्रोतारस्तु ये चार्थ 13. App. 15. 1801 pr. कुष्ठरोगसमन्विताः 13. App. 16. 1844 post. कुष्ठादिव्याधियुक्तश्च 18. App. 1. 8 pr. कुष्ठिनं तमनिन्दिता 1. App. 100. 8 post. कुसंबन्धं कुदेशं च 12. 137. 89deg. कुसीदं च विवर्जयेत् 12. 63. 36. कुसीदं संप्रवर्तितम् 12. 251. 224. कुसुमः सफलोदयः 13. 17. 124. कुसुमाढ्यान्मनःकान्तान् 4. 133*. 3 pr. कुसुमानतशाखैश्च 3. 150.22. कुसुमानां च वृष्टयः 2. App. 21. 977 post. कुसुमानां सुगन्धिनाम् 13. 15. 48. कुसुमान्यपराण्यपि 13. 42. 14. कुसुमावचयः स्वयम् 3. 149. 23. कुसुमाष्टधराय च 13. App. 6. 26 post. कुसुमेषु सुगन्धिषु 3. App. 19. 56 post. कुसुमैः शबला इव 9. 27.9. कुसुमोत्करमण्डितान् 1. 64. 11'. कुसूलधान्यः प्रथमः 12. 235. 2. कुस्तुम्बुरुः पिशाचश्च 2. 10. 15. कुस्त्रियः पापमोहिताः 13. App. 15. 4590 post, कुस्ती खादति मांसानि 12. 137. 85. कुहकानां च यो भवेत् 4. 120*. 80 post. कुहकामूलकर्म च 13. 619. 1 post. कुहका वापि भीषणा 5. App. 9. 90 post. ; App. 11. 57 post. कुहका वा विभीषणी 5. 158. 36. कुहूमङ्गिरसः सुताम् 3. 208.8. कुहूं राकां च सुप्रभाम् 8. App. 2. 67 post. कुहूं राकां च सुवताम् 8. 24. 74. कुं नक्तं]दिनमतन्द्रिता 3. 1338*. 1 post. कूजतामिव संयुगे 9. 14. 350. कूजतां क्रन्दतां चैव 6. 85. 23". कूजतां स्तनतां चैव 9. 10.26. कूजगिरतुलानादान् 7.79.3. कूजगिरुपशोभितम् 13. 110. 534. कूजद्भिर्विविधा गिरः 3. 107.7'. कूजद्भिश्च गतासुभिः 6. 85. 31'. कूजद्भिश्च सहस्रशः 7. App. 15. 43 post. कूजद्भिश्चाप्यधिष्ठितान् 3. 155. 480. कूजद्भिः परिचारकैः 12. App. 28. 133 post. कूजन्त इव पक्षिणः 7. 106. 404. कूजन्तस्तन्त्र मारिष 8. 36. 22. कूजन्ति हंसाः सरसीव मत्ताः 3. 112. 6. कूजन्तीभिः समाकुलम् 12. App. 15. 182 post. कूजन्ती सापतत्तूर्ण 1. App. 119. 11 pr. कूजमानान्समन्ततः 8. 14.51. कूजश्चपलनेत्रोऽयं 12. 136. 53%. कूजितेः शोभयन्ति तान् 13. App. 15. 3658 post. कूटधूतेन यद्भवान् 9. 162*. 1 post... *** कूटमथ ते ददृशुः पुरं हि तत् 4. 174*.4. कूटमुद्गरचापेषु 13. App. 15. 1181 pr. कूटमुद्गरहस्तस्तु 13. 2. 66". कूटयोधिनि राक्षसे 6. 97. 28. 7. 154. 20. कूटविद्यादयश्चैव 12. 152. 6. कूटशः स्म प्रदृश्यन्ते 3. 169.5*. कूटशाल्मलिकं चापि 18. 2. 25*. कूटशाल्मलिना सह 18. 3. 44. कूटसाक्षित्वमभ्येतु 13. 95. 59%; 96. 18. कूटसाक्ष्यं वदन्ति ये 13. App. 20. 146 post. कूटस्थ इव लक्ष्यसे 12. 172. 6". कूटस्थमचल ध्रुवम् 6. 34. 36. 13. App. 11. 148 post., 14. App. 4. 94 post. कूटस्थमिव तिष्ठति 12. 279. 17. कूटस्थस्याक्षरात्मनः 12. 482*. 1 post. कूटस्थं कर्तृनिद्वं 12. 330. 57. कूटस्थं चैव नित्यं च 12. 290. 97. कूटस्थं यत्तदक्षरम् 12. 231. 34. कूटस्थ विद्धि मां प्रिये 13. App. 15. 264 post. कूटस्थं श्रेय उच्यते 12.276.2", 200. कूटस्थामन्वयस्य मे 4.757*. 4 post. पादसूची-99 -785 -

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