Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

View full book text
Previous | Next

Page 667
________________ कच्या भुवि मानवैः] लोकपावरची [कर्तासि राजन्परितप्तासि पत्रात कर्तव्या भुवि मानवैः 13. App. 15. 3582 post. कर्तव्या भूतिकामेन 12. 84. 18deg. कर्तव्या भूतिवर्धनाः 1. App. 81. 105 post. कर्तव्या मोक्षबुद्धिना 12. 277. 15. कर्तव्या विष्णुना सह 3. 42. 22'. कर्तव्या वै महात्मनाम् 12. 324. 21'. कर्तव्या शुभपापयोः 12. 32. 19. कर्तव्या सर्वदस्युमिः 12. 65. 18. कर्तव्या हि कदाचन 1. App. 81. 15A 11 post. कर्तव्याः कर्मविहिजाः 1. 1203*.1 post. कर्तव्याः शरदो दश 13. 109. 33. कर्तव्याः सर्वदस्युभिः 12. 65. 21". कर्तव्ये पुरुषव्याघ्र 3. 36. 21. कर्तव्यो ज्ञानसंभवः 13. App. 10. 464 post. कर्तव्यो धर्म इह तु 12. App. 29E. 170 pr. कर्तव्यो धर्मसंचयः 13. 128.276. कर्तव्यो न च संतापः 12. 346. 124. कर्तव्यो बहुलश्चैव 12. App. 29E. 341 pr. कर्तव्यो भूतिमिच्छता 1. App. 81. 162 post., 171 post. 12. 138. 53. कर्तव्यो मित्ररक्षणे 12. 81.7. कर्तव्यो रथसारथिः 8. 25. 2%3; 269*. 3 post. कर्तव्यो राजशार्दूल 12. 56. 48deg. कर्तव्यो हितमिच्छता 13. App. 15. 774 post. कर्तव्यौ नात्र संशयः 1. 67. 13d. कर्ता कारयिता च सः 6.9. 176 कर्ता कारयिता च ह 3. 81. 111. 9. 37. 46. कर्ता कार्य क्रिया फलम् 12. 224. 73%; 230. 21. कर्ता क्रोधाश्रितस्तु सः 3. 211. 200. कर्ता खलु यथाकालं 12,287.8". कर्ता च परिकीर्तितः 12. 166*.4 post. कर्ता च फलमानुयात् 13. App. 15. 3547 post. कर्ता चाहं तथा कर्म 5. App. 13. 48 pr. कर्ता चैव सनातनः 2. 35. 23deg. कर्ता चैव स भूतकृत् 12. 121. 55'. कर्ता ज्ञानकरस्तथा 12.337. 45. कर्ता तस्यापि चापरः 12. 217. 16*. कर्ता तामस उच्यते 6. 40. 28". कर्ता तु लभते नरः 13. App. 15. 3396 post. कर्ता तेन न लिप्यते 13. App. 15. 2817 post. कर्ता त्वं कर्मणोग्रस्य 7. 169. 31. कर्ता स्वेव करोति तत् 12.217. 15. कर्ता दोषेण लिप्यते 1. App. 46. 40 post. 5, 33. 41". कर्ता द्वेषवियुक्तश्च 13. App. 15. 1000 pr. कर्ताध्वर्युः कृतस्तुतिः 14. 25. 15. कर्तानुग्रहमच ते 3. 206. 3". कर्ता पापस्य महतः 12. 146. 8. कर्ता भवान्कर्म न संशयोऽस्ति 3. 180. 376. कर्ता भृत्यजनप्रियः 12. 118. 200. कर्ता यद्यद्विचेष्टते 12. 210. 11. कर्ता यस्तु सदा प्रभुः 12.220.84'. कर्तारमकृतं देवं 5.67. 39. कर्तारमकृतं विष्णुं 12. 200.1. कर्तारमनघं विभुम् 12. App. 290.85 post. 13. App. 3. 270 post. कर्तारमनुगच्छति 12. 174. 164. 13. 7. 224. कर्तारमनुवर्तते 12. 186.276. कर्तारमपराधं च 13. App. 15.926 pr. कर्तारमभिमुञ्चति 12. 287. 8. कर्तारमशुभस्य तम् 3. 256. 22. कर्तारमिहितं चैव 2. 521a*. 2 pr. कर्तारमेनो गच्छेच्च 5. 209*.8 pr. कारश्च युधिष्ठिर 13. 24.74deg. कारश्च सहस्रशः 7. 53. 424. कर्तारं गुणसंवृत्तम् 12. 603*. 1 post. कर्तारं च प्रशंससि 2. 5. 108. कर्तारं जीवलोकस्य 13. 138. 14. कर्तारं त्वां जनार्दन 14.54. 1'. कर्तारं नरकं नयेत् 13. App. 15. 2814 post. कर्तारं नान्यमृच्छति 3.31. 41. कर्तारं मानसान्त्वयोः 13. 38. 27. कर्तारं समवेक्षते 12. 136. 105. कर्तारं स्वकृतं कर्म 13. App. 15.2212 pr. कारः स्थविरामयः 5. 50. 50". कर्तारः स प्रवणा भागिनेय 1. 53. 214. कारः स्म वयं सर्व 7. 16. 14'. कर्ता विमर्दै सुमहत् 5. 164. 32. कर्ता शिल्पवतां वरः 1. 60. 28. कर्ता शिल्पसहस्राणां 1. 60. 27. कर्ता सम्मानमर्हति 12.79. 394. कर्ता सर्वस्य लोकस्य 12. 127*.9 pr. कर्ता सात्त्विक उच्यते 6. 40. 26. कर्तासि जबतां वर 14. 82. 28". कर्तासि मम चेस्प्रियम् 14.5.16. कर्तासि मम पार्थिव 14.7.19. कासि राजन्परितप्तासि पश्चात् 3. b. 11'. -660

Loading...

Page Navigation
1 ... 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808