Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 713
________________ कार्तिकी वा वसेदेका ] लोकपादसूची [ कार्य इत्याहुराचार्याः कार्पण्यं दर्पमानौ च 3. 2. 41". कार्पण्यं न प्रशस्यते 5.71. 4. कार्पण्यं ब्राह्मणैर्वृतम् 13. 519*. 4 post. कार्पण्यादेव सहितास्तत्र राज्ञः 5. 29. 34. कार्पासमृदवोऽपरे 13. 33. 10. कासिकनिवासिनाम् 2. 47.7". कार्मुकच्छेदमाहवे 6. 69. . कार्मुकप्रवरं च वै 2. App. 39. 119 post. कार्मुकप्रवरं चास्य 7. 148. 5". कार्मुकं च पितामह 8. 24. 104'. कार्मुकं चास्य चिच्छेद 8. App. 13. 13 pr. 9. 16. 61.. कार्मुकं चिच्छिदे बली 8. 18. 664. कार्मुकं चित्रयोधिनः 7. 145. 24. कार्मुकं तस्य चिच्छेद 6. 69. 40. कार्मुकं तालसंमितम् 5.582*. 3 post. कार्मुकं भीमसेनस्य 6. 68.24deg. कार्तिकी वा वसेदेकां 3. 80. 37. कार्तिके मासि चाश्लेषाः 13. App. 14. 488 pr. कार्तिकेय इति स्मृतः 1. 60. 23. 9. 43. 16. कार्तिकेय इवाजेयः 5. 163. 21". कार्तिकेयप्रियेप्सया 9. 43. 43d. कार्तिकेयमिव प्रभुम् 6. 117.3d. कार्तिकेयमिवामराः 7. 5. 200. कार्तिकेयमिवाहवे 7. 155. 13. कार्तिकेयश्च भगवान् 3. 81. 1176. कार्तिकेयश्च षण्मुखः 7. 69. 46. कार्तिके यस्तु वै मासे 14. App. 4. 2857 pr. कार्तिकेयस्तु संवृद्धः 13. 401*. 3 pr. कार्तिकेयस्य च विभो 13. 401 . 2 pr. कार्तिकेयस्य दयितं 2. 29. 4'. कार्तिकेयस्य धीमतः 3. 213. 14. कार्तिकेयस्य यः पठेत् 3. App. 22. 18 post. कार्तिकेयस्य वासवः 3. 216. 6. कार्तिकेयस्य वै नृप 3. 81. 122f. कार्तिकेयस्य संभवः 1. 495*.2 post. कार्तिकेयं महाद्युतिम् 13. App. 14. 526A 2 post. कार्तिकेयं यशस्विनम् 9. 44. 108". कार्तिकेयानुयायिन्यः 9. 45. 29. कार्तिकेयाभिषेचनम् 9. 45. 88. कात्तिकेयाय भारत 9.44.39d. कार्तिकेयाय संप्रादात् 9. 44. 38". कार्तिकेयेन विध्वस्तां 7. 134. 30. कार्तिकेयोऽग्निदत्तया 9. 45. 736. कार्तिकेयो महाबलः 9. 45. 70f. कार्तिकेयो यथा नित्यं 6. 46. 33. कार्तिकेयो ह्यशोभत 6. 155*.8 post. कार्त्तिक्यामत्र भोक्तारः 12. 165. 9". कार्तिक्या कारयित्वेष्टिं 15. 21. 2. कार्तिक्यां जनमेजय 15. 19. 154. कार्तिक्यां तु विशेषेण 3. 80. 520. कात्स्ये न तारकवधं 13. 86. 4. कात्स्न्ये न परिवर्णितः 12. 59. 37d. कात्स्न्ये न भरतश्रेष्ठ 12. 59. 141. कात्स्न्ये न मुनिसत्तमात् 13. App. 11. 460 post. कात्स्न्ये न विदितं तव 12. 50. 34. कात्स्न्ये न समुदाहृता 12. 59. 354. कात्स्न्येनैतत्समाचक्ष्व 1. 54. 20%. कार्थप्राप्तिर्गद्य शत्रु निहत्य 13. 1. 22". कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः 6. 24. 70. कार्मुकं रिपुभीषणम् 7. 92. 200. कार्मुकं वेगवत्तरम् 6.51. 12. कार्मुकं समरे दृढम् 7. 137. 394. कार्मुकाकर्षविक्षिप्तं 7.73. 6. कार्मुकाणां च कूजताम् 7. 162. 6". कार्मुकाणां च निस्वनैः 8. 33. 43. कार्मुकाणां च भारत 7. 165.2. कार्मुकाणां च संयुगे 8. 19. 23. कार्मुकाणां तथैव च 6. 276*. 1 post. कार्मुकात्पाण्डुपुत्रस्य 8. 161*.1 pr. कार्मुकान्निरवासृजत् 12. 125. 17d. कार्मुकान्याददुस्तूर्ण 7. 80. 30. कार्मुकाथै न्ययोजयत् 13. App. 15. 331 post. कार्मुकासिगदाधराः 5. 197. 17. कार्मुकेणोपपन्नेन 8.7.90. कार्मुके योजयित्वा तं 7. 1182*. 5 pr. कार्मुकेषु पुनः पुनः 1. App. 78. 99 post. 7. 20. 15deg3; 141. 51. कार्मुकैर्विशिखैः प्रासैः 7. 162. 40". कार्मुकैश्च महारथाः 6. 17. 17". कार्मुकैश्च महास्वनैः 12.272. 14. कार्मुकैस्तोमरैस्तथा 6. 53. 18. कार्मुकैः पृथिवीपते 7. 79.3. कार्मुकोद्यतपाणिनम् 7. App. 8. 786A 6 post. कार्मुकोर्मिणमक्षय्यं 6. 15. 26deg. कार्य इत्याहुराचार्याः 12. 136. 44. 1111111111 पादसूची-89 -705

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