________________ कथं समभवद्भेदः] महाभारतस्थ [कथं हि मादृशो लोके कथं समभवद्भेदः 1. 54. 19". कथं समीयतुयुद्धे 6. 98. 3. कथं समुद्रः पूर्णश्च 3. 104. 3. कथं समुपपद्यते 12. 177. 24. कथं समृद्धमप्युद्धं 5. 43. 60. कथं समृद्धो गत्वाहं 3. 59. 2". कथं सर्वेषु चाङ्गेषु 14. App. 4. 1911 pr. कथं सलिलमुत्पन्नं 12. 176.5". कथं स वज्रसंघातः 1. 1208*.1 pr. कथं स वै विपन्नश्च 13. 103.1". कथं स शुक्रतनयां 1.71. 1. कथं स ससृजे प्रजाः 12. 485*. 1 post. कथं स सृजते प्रभुः 12. 176. 1'. कथं सहत्यद्य सती सुखार्दा 3. 119. 20f. कथं संजय दुर्धर्षे 7. 8. 35. कथं संजय राधेयः 8.31. 5. कथं संजय शंस मे 7. 158. 17%3; 1242*. 13 post. कथं संजय सूदितः 6. App. 4. 307 post. कथं संधारयन्मर्त्यः 13. App. 15. 2931 pr. कथं संधारयिष्यामि 7. 55. 17. कथं संबन्धिना साध 5. 192.9". कथं संभवते योनौ 3. 200. 29". कथं संयुगमेत्य ह 7. 55.2". कथं संयुज्यते प्रेत्य 3. 181.7. कथं संशप्तकेभ्यो वा 7. 343*. b pr. कथं संसारगहनं 11.4.1. कथं संस्तवमर्हति 2. 38. 15. कथं सा च तपस्विनी 1. 224.64. कथं सात्यकिभीमाभ्यां 7. 105. 5. कथं सा द्रौपदी कृष्णा 1. 56.70. कथं सा द्रौपदी शक्ता 1. 484*. 1 pr. कथं साध्विति मन्यसे 3. 131. 14. कथं सान्त्वेन दानेन 1. App. 81. 49 pr. कथं सापहृता त्वया 2.38. 21". कथं सिद्धश्च भगवान् 9. 37. 1. कथं सुनीतं तु भवेत् 5. 12. 24. कथं सुभद्रा च तथामिमन्युः 3. 180. 14". कथं सुयोधनं गच्छेत् 4. App. 27. 37 pr. कथं सृष्टानि भूतानि 12. 175.3", 8". कथं सैरन्ध्र मुक्तासि 4. 23. 20*. कथं सोऽन्यं प्रघातयेत् 12. 251. 21. कथं सोममिहार्हतः 3. 124. 124. कथं सोऽस्मासु विश्वसेत् 9. 4.7'. कथं स्थेयं पितामह 12. 138. 14. कथं स्थैर्य भवेत्तव 11. 8. 196. कथं स्यातां सुतौ बालौ 1. 146.9. कथं स्यात्पावको मया 13. App. 1A. 361 post. कथं स्यादधिकः कश्चित् 12.90. 19. कथं स्यादनुकीर्तनम् 3. 222. 94. 13. 45.8. कथं स्यादफलश्चिरम् 7. 50. 588. कथं स्यादवशेष हि 7. 23. 16. कथं स्यादित्यचिन्तयत् 13. 40. 204. कथं स्याहुःखदर्शनम् 2. App. 41. 22 post. कथं स्वपिषि पुत्रक 12. 309.6".. कथंस्वभावा भगवन् 14. 22. 4. कथं स्वर्गमनुप्राप्तः 13. App. 15. 1040 pr. कथं स्वर्ग गमिष्यति 8.30. 42". कथं स्वर्ग न गच्छसि 12. App. 30. 20 post. कथं स्वर्गे गतिः सर्प 3. 178.8. कथं स्वस्ति स्यात्कुरुसृञ्जयानाम् 5. 25. 1433; 26. 18". कथं स्वार्थमिहोत्सहे 3. App. 8. 18 post, कथं स्वित्स्यादनिन्दिते 3. 30. 24. कथं स्विदन्यथा ब्रूयात् 12. 324. 8. कथं स्विदिह राजेन्द्र 12.86. 1". कथं स्विधुधि कौन्तेय 3. 34. 85deg. कथं स्विद्वसतोऽरण्ये 1. 86. 10*. कथं स्विन्नाहरेर्महीम् 3. 130*. 1 post. कथं हत्वा गुरुन्वृद्धान् 5. 151. 22deg. कथं हन्याद्धनंजयः 7. 120. 194. कथं हन्यामनागसम् 3. 154.33d. कथं हि त्वद्विधो मोहात् 9. 30. 30. कथं हि धर्मराजस्य 5. 3. 36. कथं हि नीचा इव दौष्कुलेयाः 5. 25. 136. कथं हि पत्नीमस्माकं 3. 257. 5. कथं हि पाण्डवः श्रीमान् 1. 197. 16. कथं हि पीत्वा माध्वीकं 3.262. 38". कथं हि पुत्रं पाण्डवार्थे त्यजेयम् 3. b. 176. कथं हि पुरुषो जातः 5.76. 14. कथं हि बालस्तरुणः 7. 49. 13. कथं हि भार्या पाण्डूनां 2.62. 10". कथं हि भिन्नकरर्ट 3.262.37". कथं हि भीमसेनस्य 9.2. 46. कथं हि भीमसेनं मां 5.74.4". कथं हि भीष्मात्प्रथितः पृथिव्यां 6. 81. 23deg. कथं हि मन्त्राग्र्यधरो मनीषी 5. 32. 19". कथं हि मादृशो लोके 10. 4. 25% - 626 -