________________ कथं भीष्ममहं संख्ये] श्लोकपादसूची [कथं राज्ञः पिता भूत्वा कथं भीष्ममह संख्ये 6. 24. 4". कथं भीष्मस्य वाक्यानि 10. 1. 14". कथं भीष्मं परो हन्यात् 6. 107. 54. कथं भीष्म स कौन्तेयः 6. 19. 2. कथं भीष्मेण संग्रामं 6. 16. 17. कथं भुक्त्वा स्वयं भोगान् 9. 4. 23deg. कथंभूता गर्भभूता भवन्ति 1. 85. 9. कथं भूयस्तवेति ह 12. 54. 31". कथं भूयस्तु राधेयः 7. 106. 2. कथं भूयः समुत्पत्तिः 12. 48. 11. कथं भृत्यत्वमापन्नाः 12.21*.2pr. कथं भृत्यान्कथं दारान् 12. 69. 2. कथं भोजस्य पुरुषे 2. 41. 17". कथं भ्रातुः श्रियं नृप 2. 50. 3. कथं भ्रातृन्हता श्रुत्वा 9. 63. 356. कथं मत्प्रमुखाः सर्वे 1. App. 86. 48 pr. कथं मध्यं प्रपद्येथाः 5.90. 26deg. कथं मन्दोऽब्रवीदिदम् 5. 151. 14. कथं मन्येत विजयं 10. 10. 13. कथं मया नानृतमुक्तमद्य 1. 182.50. कथं मया विहीनो हि 4. 381*.2 pr. कथं महात्मा गाङ्गेयः 6. [14. 88%. कथं माता ध्रियेत नः 1.221. 196. कथं माद्रीं समेत्य वै 1. App. 68. 20 post. कथं मानुषदेहेषु 14. App. 4. 1687A 1 pr. कथं मानुषमिच्छसि 3. 53.54.. कथं मामन्यकामां त्वं 5. 171.70 कथं मां त्वं विजानीषे 3. 214. 4. कथं मां न परित्यजेत् 14. 6. 21. कथं मां मरणं स्पृशेत् 5.50. 600. कथं मां वेत्सि चण्डालं 13. 28. 14. कथं मित्रमरिं चैव 12. 136.7. कथं मुच्येत किल्बिषात् 14. 35. 19. कथं मुच्येत जीवितः 7. 115.54. कथं मुच्ये पराभवात् 3. 199. 171. कथं मुच्येयमित्युत 13. 104. 23. कथं मुच्येय संकरात् 1. App. 100. 104. post. कथं मुञ्चेद्भवानिमम् 3. 177.54. कथं मुने मौनमिहाचरन्ति 5. 254*. 4. कथं मृतास्ते गच्छन्ति 13. App. 15. 2596 pr. कथं मृत्युमतिक्रमेत् 12. 307*. 11. कथं मृत्युमुपेयिवान् 7. 129.4". कथं मृत्युरुपेयिवान् 7. 23. 10". कथं मृदौ कथं तीक्ष्णे 12. 104. 1. कथं मेऽद्य गमिष्यसि 3. 154. 354. कथं मे प्रेत्यभावेऽपि 1. 32. 12. कथं मोक्ष्यति कौशिकः 1. 599*. 1 post. कथं मोहं गमिष्यसि 12.521*. 2 post. कथं यज्ञं दशवर्षों विशेस्त्वं 3. 133. 15%. कथं यज्ञः समाहितः 12. 264.14.. कथं यज्ञे मरुत्तस्य 14. 3. 21". कथं यज्ञो मृतो भवेत् 3. 297. 584. कथं यन्त्र महामुनिः 9. 38.8. कथं याजितुमिच्छसि 14.7.81. कथं यात्रा शरीरस्य 12. 257. 12. कथं यान्ति शुभां गतिम् 13. 113. 11. कथं यास्यसि विश्वासं 12. 112. 76deg. कथं यास्यामि दुःखितः 15. 44. 284. कथं यास्यामि माधव 7. 1257*. 3 post. कथं यास्यामि वै पुरम् 13. 12. 11. कथं युक्तं नरेश्वर 10. App. 1. 24 post. कथं युक्तान्यनीकानि 6. 15. 64". कथं युक्तोऽभवदृषिः 3. 135. 10. कथं युञ्जन्सदा ध्यायेत् 12. App. 17B. 14 pr. कथं युद्धमभूत्तत्र 7.89. 40deg. कथं युद्धं प्रवर्तितम् 8. 91*. 1 post. कथं युद्ध महात्ममिः 6. 15.64. कथं युद्धे निषूदितः 8. 46. 29". कथं युधिष्ठिरस्यार्थे 1. 130. 7deg3App. 83. 14 pr. कथं युध्य महारथम् 8. 46.4. कथं युयुधिरे नृपाः 6. 195*. 1 post. कथं युयुधिरे पार्थाः 7. 25. 1. कथं युयुधिरे वीराः 6. 1. 10 कथं योत्स्यामि माधव 6. 103. 854. कथं रक्षामि भवतः 13. 141.7. कथं रक्ष्याश्च शत्रवः 12. 69. 1 . कथं रक्ष्यो जनपदः 12.69. 1. कथं रणे हतः शल्यः 9.7.14. कथं रथात्स न्यपतत् 6. 15. 1. कथं रसत्वं व्रजति 14. 19. 37. कथं राजन्प्रमाद्यसि 12. 83. 64*. कथं राजा निवर्तयेत् 12. 123. 136. कथं राजा प्रजा रक्षन् 12.72. 1". कथं राजा प्रजा रक्षेत् 12.259. 1deg . . कथं राजा भविष्यति 9. 29. 65. कथं राज्ञः पिता भूत्वा 10. 1. 12". . . . - 623 -