Book Title: Panchashak Mulam
Author(s): Haribhadrasuri, 
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

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Page 349
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir A %AE प्राभृतं % श्रीज्योति-1 करंडके वालेहिं । विहिं विहिं गुणेहिं तेहि उ कायनाडियाछिदं ॥ १३ ॥ अहवा सुवणमासेहिं चउहिं चतुरंगुला कया सई । नालि-|| मानं २ यतलंमि तीए उ कायव्वं नालियाछिदं ॥१४॥ एवं छिद्दपमाणं धरिमं मेजं च मे निसामह । एत्तो उदगपमाणं वोच्छं उदगं ॥३४५॥ च जं भणियं ॥ १५ ॥ चत्तारि मधुरगनणफलाणि सो सेयसासवो एको । सोलस य सासवा पुण हवंति मासप्फलं एकं ॥ १६॥ दो चेव धन्नमासप्फलाणि गुंजाफलं हवइ एकं । गुंजाफलाणि दोन उ रुप्पियमासो हवइ एको ॥ १७ ॥ सोलस रुप्पियमासा एक्को धरणो हवेज सखित्तो। अड्डाइज्जा धरणा य सुवण्णो सो य पुण करिसो ॥ १८॥ करिसा चत्तारि पलं पलाणि पुण अद्धतेरस उ पत्थो । भारो य तुला वीसं एस विही होइ धरिमस्स ॥ १९॥ पणतास लोहपलिया बट्टा बावत्तरंगुला दहा । पंचपलधरणगस्स | य समायकरणे तुला होइ ॥ २० ॥ सव्वग्गेण तुलाए लेहाओ पण्णवीसई होति । चत्तारि य लेहाओ जाओ नंदीपिणद्धाओ ॥२१॥ समकरणि अद्धकरिसो तत्तो करिसुत्तरा य चत्तारि । तत्तो पलुत्तराओ जाव य दसगोत्ति लेहाओ ॥ २२ ॥ बारस पन्नरस वीसगे य एत्तो दसुत्तरा अट्ठ । एवं सव्वसमासो लेहाणं पन्नीसं तु ॥२३ ।। पंचसु पनारसगे तीसग पन्नासगे य लेहाओ । नंदीपिणद्धकाओ सेसाओ उज्जुलेहाओ ॥ २४ ॥ तिनि उ पलाणि कुलवो करिसर्दू चव होइ बोध्धव्यो । चत्तारि चेव कुलवा पत्थो पुण मागहो होइ ॥ २५ ॥ चउपत्थमाढगं पुण चत्वारि य आढगाणि दोणा उ । सोलस दोणा खारी खारीओ वसिई बाहो ॥ २६ ॥ धरिमस्स य मेयस्स एस विहीं नालिगाए उदगस्स । उद्देसे उवइदं उदगपमाणं अओ वोच्छं ॥ २७ ॥ उदगस्स नालियाए हवंति दो आढगा उ परिमाणं । उदगं च इच्छियव्वं जारिसगं तं च वोच्छामि ॥ २८ ॥ एयस्स उ परिकम्मं कायव्वं x ॥३४५|| | दूसपट्टपरिपूतं । महोदयं पसन्नं सारइयं वा गिरिनईणं ॥ २९ ॥ ये नालिया मुहुत्तो सष्टुिं पुण नालिया अहोरत्तो । पनरस KARMARititi % For Private and Personal Use Only

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