Book Title: Panchashak Mulam
Author(s): Haribhadrasuri,
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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श्रीज्योति- अहोरत्ता पक्खो तीसं दिणा मासो ॥ ३० ॥ संवच्छरो उ बारस मासो पक्खा य ते चउबसि । तिन्नेव सया सट्ठा हवंति राइंदि-15 मान २ ष्करंडके लियाणं तु ॥ ३१ ॥ इय एस कमो भणिओ नियमा संवच्छरस्स कम्मस्स । कम्मोत्ति सावणोत्ति य उउत्ति य तस्स नामाणि
प्राभृतं ॥३४६॥
P॥ ३२ ॥ आइच्चो उडु चंदो रिक्खो अभिवडिओ य पंचए । संवच्छरा जिणमए जुगस्स माणे विधीयते ॥ ३३ ॥ छप्पि उऊ ४ा परियड्ढा एसा संवच्छरो उ आइच्चो । पुव्वं भणिओ कम्मो एत्तो चंदं पवुच्छामि ॥ ३४ ॥ पुण्णिमपरियट्टा पुण बारस &ा संवच्छरा हवइ चंदो । नक्खत्तचंदजोगो बारसगुणिओ उ नक्खत्तो ॥ ३५ ॥ तेरस य चंदमासा एसो अभिवाड्डओ उ
नायब्यो । मासाणं तु पमाणं वोच्छं सवसि वासाणं ॥ ३६ ॥ आइच्चो खलु मासो तीसं अद्धं च सावणो तीसा । चंदो एगुणतीसं चिसट्ठिभागा य बत्तीसा ॥ ३७॥ नक्खत्तो खलु मासो ससावीसं भवे अहोरत्ता । अंसा य एकसिं सत्तढिकरण छेएण ॥ ३८ ॥ अभिवडिओ उ मासो एक्कत्तीसं भवे अहोरत्ता। भागसयमेगवीसं चउवीससएण छेएणं ॥३९॥ तिनि अहोरत्तसया
छावट्ठा भक्खरो हवइ वासो । तिनि सया पुण सट्ठा कम्मो संवच्छरो हवा ॥४०॥ तिमि अहोरत्तसया चउपण्णा नियमसो लाहवह चंदो | भागा य बारसेव य बावढिकएण छएण ॥४१॥(अ)। तिण्णि अहोरत्तसया सत्तावीसा य होन्ति नक्खत्ते । एका
वनं भागा सत्तद्विकएण छेएण ॥ ४१ ॥ (ब) तिण्णि अहोरत्तसया तेसीई चेव होइ अभिवड्डे । चोयालसिं भागा बावट्टिकरण छएण ॥ ४२ ॥ दस चेव सहस्साई नव चेव सया हवंतऽसीया य । एयं मुहुत्तगाणयं नेयध्वं सूरवासस्स ।। ४३ ।। दस चेव सह
॥३४६॥ स्साइं अट्ठव सया हवंति संपुण्णा । एयं मुहुत्तगणिय नायव्वं कम्मवासस्स ॥४४ । चंदे मुहुत्तगणितं सयाणि छच्चेव पण्णवीसाणि । दस य सहस्सा पुण्णा बिसद्विभागा य पन्नासं ॥४५।। नव चेव सहस्साई सयाणि अद्वेव होंति बत्तीसा । नक्खत्ते खलु वासे
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