Book Title: Panchashak Mulam
Author(s): Haribhadrasuri,
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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श्री ज्योतिष्करंडके
॥३६५॥
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जिट्ठा ९ मिगसर १० विस्सा ११ ऽदिति १२ सवण १३ पिउदेवा १४ ॥ ३३८ ॥ अज १५ अज्जम १६ अभिवुड्डी १७ चित्ता १८ आसो १९ तहा विसाहाओ २० । रोहिणि २१ मूलो २२ अद्दा २३ व २४ पुस्सो २५ धणिट्ठा २६ य ॥ ३३९ ॥ भग २७ | अज २८ अज्जम २९ पूसा ३० साई ३१ अग्गी ३२ य मित्तदेवा ३३ य । रोहिणि ३४ पुव्वासाठा ३५ पुणन्वसू ३६ वीसदेवा ३७ य ॥ ३४० ॥ अहि ३८ वसु ३९ भगा ४० भिवुढि ४१ हत्थ ४२ ऽस्स ४३ विसाह ४४ कत्तिया ४५ जेट्टा ४६ । सोमा ४७SS ४८ रवी ४९ समणो ५० पिउ ५१ वरुण ५२ भगा ५३ भिवुड्डी ५४य ॥ ३४९ ॥ चित्ता ५५ स ५६ विसाह ५७ गी ५८ मूलो ५९ अद्दा ६० य विस्त ६१ पुस्सो ६२ य । एए जुगपुव्वद्धे विसट्टिपव्वेसु नक्खत्ता ॥ ३४२ ॥ सूरस्सवि नायव्वो | सगेण अयण मंडलविभागो । अयणमि उ जे दिवसा रूवहिए मंडले हवः || ३४३ || चउवीससयं काऊण पमाणं सत्तसट्ठिमेव फलं । इच्छापव्वेहिं गुणं काउणं पज्जया लद्धा || ३४४ || अट्ठारसहि सएहिं तीसेहिं से सगार्म गुणियंमि । सत्तावीससएसुं अट्ठावीसेसु पुसांम ॥ ३४५ || सतट्ठबिसट्ठीणं सव्वग्गेणं ततो उ जो सेसो । तं रिक्खं सूरस्स उ जत्थ समत्तं हवइ पव्वं ॥ ३४६ ॥ चो दिवसा बावीस मुहुत्ता चुण्णिया य तेवीसं । एक्कावीसहभागा पथ्वीकयरिक्खघुवरासी । ३४७ ।। इच्छियपव्त्रगुणाओ धुवरासओ उ सोहणं कुणसु । रविरिक्खकरण विहिणा पूसाईणं जहाकमसो ॥ ३४८ ॥ चउवसिं च मुहुत्ता अद्वेष य केवला अहोरता । पूसविलग्गे एवं एतो वोच्छामि सेसाणं ॥ ३४९ ॥ बावट्टि अहोरसा बारस य मुहुत्त उत्तराफग्गू | सोलस्यं च विसाहा वासुदेवाय तेसीयं ॥ ३५० ॥ वे चउपण्णा छच्चेव मुहुत्ता उत्तरा य पुट्ठयया । तिष्णेव एकवीसा छच्च मुहुत्ता उ रोहिणिया ।। ३५१ ।। तिन्निगिट्ठा बारस य मुहुत्ता सोहणं पुणन्त्रसुणो । तिन्नेव उ छावडा पुस्सस्स उ होइ सोहणगं ।। ३५२ ।। सप्प १ भग २ अज्जमदुगं ३-४
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अमावस्या
पूर्णिमे
| ॥३६५॥

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