Book Title: Panchashak Mulam
Author(s): Haribhadrasuri, 
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

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Page 362
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir साणं ससिस्सा १३ श्रीज्योति- तेरस य मंडलाई चउचत्ता सत्तसट्ठिभागा य । अयणेण चरइ सोमो नक्खत्ते अद्धमासेणं ॥ २२६ ॥ चंदायणस्स करणं पव्वं 3 आवृत्तिः करंडके पन्नरससंगुणं नियमा । तिहिसंखित्तं संतं बावट्ठीभागपरिहीणं ॥ २२७ ।। नक्खत्तअद्धमासेण भइए लद्धं तु रूवमाएज्जा । जइ १२, Vलद्ध हवइ समं नायव्वं दक्खिणं अयणं ।। २२८ ।। अह हवइ भागलद्धं विसमं जाणाहि उत्तरं अयण । सेसाणं अंसाणं ससिस्स मिडलगातः 18 इणमो भवे करणं ॥ २२९ ।। सत्तट्ठिए विभत्ते जलद्धं तइ हवंति दिवसा उ | अंसा य दिवसभागा पवत्तमाणस्स अयणस्स ॥२३०॥४॥ है। इइ अयण पइपादगं एगारसं पाहुडं० ११ ॥ एत्तो आउट्टीओ वोच्छं जह यकमेण सूरस्स । चंदस्स य लुहुकरणं जहदिट्ठ पुब्बसूरीहिं ( सव्वदरिसीहिं ) ॥ २३१ ॥ सूरस्स य अयणसमा आउट्टीओ जुगम्मि दस होति । चंदस्स य आउट्टी सयं च चोत्तीसयं चेव ।। २३२ ॥ पढमा बहुलपडिवए बिइया बहुलस्स तेरसीदिवसे । सुद्धस्स य दसमीए बहुलस्स य सत्तमीए उ ॥ २३३ ॥ सुद्धस्स चउत्थीए पवत्तए पंचमी उ | आउट्टी। एया आउट्टीओ सब्बाओ सावणे मासे ।। २३४ ॥ पढमा होइ अभिइणा संठाणाहि य तहा विसासाहिं । रेवतिए उI चउत्थी पुव्वाहिं फग्गुणीहि तहा ।। २३५ ॥ बहुलस्स सत्तमीए पढमा सुद्धस्स तो चउत्थीए । बहुलस्स य पाडिवए बहुलस्सल य तेरसीदिवसे ।। २३६ ।। सुद्धस्स य दसमीए पवत्तए पंचमी उ आउट्टी। एया आउट्टीओ सव्वाओ माघमासमि ।। २३७ ॥ ६ हत्थेण होइ पढमा सयभिसयाहि य ततो य पुस्सेण । मूलेण कत्तियाहि य आउट्टीओ य हेमंते ।। २३८ । आउट्टिएहिं एगृणि-81 ॥३५८॥ याहि गुणियं सयं तु तेसीयं । जेण गुणं तं तिगुणं रूवहिगं पक्खिवे तत्थ ॥ २३९ ॥ पन्नरसभाइयंमि उजं लद्धं तं ततिसु ४ [ होइ ] पब्वेसु । जे अंसा ते दिवसा आउट्टी तत्थ बोद्धब्बा ॥ २४० ॥ पंच सया पडिपुन्ना तिसत्तरा नियमसो मुहुत्ताणं । छत्तीस CASSEARCAScore RECARRASSACROR For Private and Personal Use Only

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