Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 11
________________ सेठ चिल्लाया सेठ ने सेवकों से कहा पाँच रत्न हैं, क्या बक रहा है। रत्नों की पेटी? तेरे बाप ने रखी थी यहाँ । कभी देखे हैं रत्न कैसे होते हैं। कौन है यह पागल, धक्के मारकर बाहर निकालो इसे झूठमूठ ही इतना बड़ा इल्जाम लगा रहा है। बेशर्म, चोर उचक्का ! ARG 7 नारायण ने घबराकर हाथ जोड़े सेठजी, मैंने परदेश जाते समय आपके पास अपनी धरोहर रखी थी याद है न? iona नौकरों ने नारायण को धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। वह दुकान के बाहर खड़ा होकर बड़बड़ाने लगा सेठ, मेरी रत्नों की पेटी तुमने हड़प ली है। तू चोर है, बेईमान है। मैं धरोहर हजम नहीं होने दूँगा।

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