Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 24
________________ दुराग्रह का फल एक अनुभवी व्यक्ति ने कहा अनुभवी व्यक्ति ने कहा हम नगर छोड़कर दूसरी जगह चलें। हमारा | धन ही तो नष्ट हुआ है, भाग्य तो नहीं। आपत्ति तो मनुष्य के लिये परीक्षा की घड़ी है। साहसी और बुद्धिमान व्यक्ति विपत्ति में भी सम्पत्ति की खोज करते हैं। फिर हम क्या करें? यहाँ तो सब विध्वंस हो चुका है। सब ने उसकी बात मान ली और वे मिलकर रोजी-रोटी की खोज में नगर छोड़कर चल पड़े। जंगल को पार करके वे. एक पहाड़ी प्रदेश में पहुँच गये। वहाँ जगह-जगह पर लोहा बिखरा हुआ दिखाई दिया तो उस अनुभवी व्यक्ति ने कहा देखो, इस मिट्टी में 'लोहा है, जरूर यहाँ लोहे की खान है। हम लोहे के गट्ठर बाँध लेते हैं। आगे कोई नगर आयेगा वहाँ लोहा/wat बेचकर कुछ धन कमा लेंगे। 2015

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