Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

View full book text
Previous | Next

Page 28
________________ दुराग्रह का फल डीरे लाने वाले व्यापारियों में से एक ने नगर के || उस व्यापारी ने कुछ हीरे बेचकर नगर में एक बड़ी हवेली खरीदी जौहरी की दुकान पर हीरे दिखाये। जौहरी बोला-||और आराम के साथ रहने लगा। एक दिन हीरे का व्यापारी अपनी हवेली में बैठा था। तभी उसने फेरी वाले की आवाज सुनीकल सेठ, तुम्हारा एक-एक हीरा लाखों चने ले लो, अरे, यह तो। का है। मूंगफली ले लो हमारा साथी है, लोहे वाला.. सुमकलाम पाका Dooooo सेठ ने नौकर भेजकर फेटी वाले को बुलवा लिया। उसे फिर उसने फेरी वाले की आँख में आँख डालकर पूछाफटे-चिथड़ों में लिपटे देखा तो बड़ी दया आई- ॥ फेटी वाले, मुझे नहीं मालिक, आप जैसे पहचानते हो? पहले सेठ के दर्शन आज पहली बार चक्कर ही किये हैं। किसी को कंकर किसी को मिला हीरा, INकभी देखा है? KOOON Voodootoo GOOG वैभवशाली कपड़ों की वजह से फेरीवाले ने उसे पहाचाना नहीं। 24

Loading...

Page Navigation
1 ... 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38