Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 29
________________ दुराग्रह का फल सेठ बोला SOO.OLOYAN याद है, तुम हम एक साथ राजनगर से निकले थे। रास्ते में तुमने लोहा भरा था, हमने हीरे। 600Cer OKES ब XOX SOSOXO फेरी वाला कुछ देर तक घर-घूरकर सेठ को देखता रहा। उसको पिछले दृश्य याद आने लगे। लोहे की गठी लिये चल रहा है। साथियों ने हीरे दिये। ८८ उसने हीरे फेंक दिये। वह चक्कर खाकर आँगन में गिर गया। नौकरों ने पानी के छींटे मारे तो उसे होश आया। वह फूट-फूटकर रोने लगा हाय, मेरी फूटी तकदीर, मैं तो इनको गालियाँ देता था। तुम सब बदलूराम हो, मैं मर्द हूँ। मेरी किस्मत खराब थी जो मैंने इनकी बात नहीं मानी। अड़ा रहा। 25

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