Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 19
________________ पाँच रत्न सेठबहू, तुम्हें कैसे मालूम? | इस रहस्य को तो मेरे और भगवान के सिवाय कोई नहीं जानता। SOLO OE सेठ घबराया हुआ घर के अन्दर दौड़ा। तुरन्त रत्नों का डिब्बा और एक कटोरी मिश्री मिला दूध लेकर वापस आया बहू, यह लो। इसमें से मैंने दो रत्न खर्च कर दिये हैं। केवल तीन रत्न ही बचे हैं। पिताजी ! देर मत कीजिए, कहीं कोई अनर्थ न घट जाये। पानी अने से पहले ही पाल बाँध लीजिए और हाँ, एक कटोरे में मिश्री मिला गाय का दूध भी लेकर आइये। शुभमती ने डिब्बा ओढ़नी में छिपा लिया और दूध का कटोरा लेकर सीढ़ियाँ चढ़ने लगी। लोग आशंका से सिहर उठे अभी नाग निकलकर आयेगा। शुभमती छठी सीढ़ी पर चढ़ी और बैठ गई। सातवीं सीढ़ी पर उसने दूध का कटोरा रखा, रत्नों का डिब्बा निकालकर रखा और हाथ जोड़कर बोली- . हे नाग देवता ! मेरे श्वसुर ने जो विश्वासघात आपके साथ किया, उस दुष्कृत्य को क्षमा करें। अपने बचे हुए। तीन रत्न लेकर सन्तोष करें। बहू को भी नहीं छोड़ेगा। TOG

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