Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 17
________________ पाँच रत्न सेठजी, जो भाग्य पर भरोसा करता है, भगवान भी उसका भरोसा रखते हैं। आप मेरी बात पर विश्वास कीजिए। अब ऐसा नहीं होगा। बलभद्र ने चौंककर पूछाक्यों नहीं होगा? क्या आप किसी ज्ञानी से पूछकर आये हैं? AAAA0 |लड़की वाले ने कहा ऐसा ही कुछ समझ सकते हैं। मैं जो कहता हूँ उस पर विश्वास रखें, मेरी पुत्री शुभमती आपके घर की रक्षा करेगी। लड़की वाले का अडिग विश्वास देखकर सेठ के मन में आशा की किरण फूट पड़ी। कुछ देर विचार करने के बाद उसने विवाह की स्वीकृति दे दी और एक दिन हरिकान्त बहू को स्थ में बैठाकर घर द्वार पर पहुँचा। लोग चौकन्ने होकर खड़े थे। आशंका और भय भरी आँखों से देख रहे थे। देखो भाई! नाग सेठजी के इस बार क्या इस पुत्र को भी होता है? CIA नहीं छोड़ेगा। कहा

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