Book Title: Panch Ratna
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 13
________________ पाँच रत्न | देखते ही देखते श्रीकान्त सीढ़ियों पर लुढ़क गया। कुछ समय बाद बलभद्र के सबसे बड़े पुत्र श्रीकान्त का विवाह हुआ। नववधू को विदा उसके मुँह से झाग निकलने लगे। सेठ दौड़कर आया। कराकर श्रीकान्त अपने भवन पर लाया। भवन की | हाय, मेरे बेटे ) अरे, इसे तो काले जल्दी से जहर सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। छह सीढ़ी पार कर सातवीं | को क्या हुआ? नाग ने काट लिया। चसकर थूक दो। सीढ़ी पर पैर रखते ही वह जोर से चीखाहाय, काट लिया, बचाओ। VVV O उपचार किया, परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। कुछ ही देर में श्रीकान्त || सभी ने मिलकर शव की अन्त्येष्टि की। के प्राण पखेरू उड़ गये। सेठ बलभद्र भी बेहोश होकर गिर पड़ा। पूरे नगर में जिधर देखो यही चर्चा थीउधर बहू भी सीढ़ियों पर गिर पड़ी। चारों तरफ हाहाकार मच गया। सुना भाई, क्या गजब हो गया। जहाय ! यह कैसा सेठ बलभद्र का बड़ा बेटा अन्याय हो गया। विवाह होते ही चल बसा। बेचारी शादी होते ही विधवा हो गई। Doगलकाल हाँ भाई ! कोई भारी पापकर्म किया होगा सेठ ने। गुप्त पाप इसी प्रकार अपना फल देते हैं।

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