Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust
View full book text ________________ -: कृदन्तावली: हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्तवर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वर्तमान भावे कृदन्त वर्तरि मत कर्मणि भूत कृदन्त भावे भूत , कृदन्त क्रम. धातु 'कर्मणि तृ.पु. एक वचन कृदन्त Intr विध्यर्थ कृदन्त -- पाठ क्रमाक 2h | नम् 1 पर | नन्तुम् नत्वा नमत् नम्यमान नम्यमान नात नत नतनन्तव्य नगनीय,नम्य नम्यते नमवू | | | नमवा माटे | नमीने नमतो |नमातो नमातो नोल नमायलो | नमायेलो नमक योग्य नमाय हे 2. | पठ् 1 | पर | पठितुम् पठित्वा | पठत् पठयमान पठ्यमान परिता पठित / पठित पठितव्य पठनीय,पाठ्य पठ्यते भणवू | | | भणवा माटे | भणीने भणतो भणातो भणातो भणायेलो | भणायेलो | भण जोहए भणाय छे 23. | पत् 1 पर | पतितुम् |पतित्वा | पतत् पत्यमान पत्यमान पता पतित पतित पतियातनीय,पात्य पत्यते | | पडवा माटे | पडीने पडतो / पडातो पडातो पोपडापेले सायेलो घडता योग्य पडाय छ रक्ष 1 पर | रक्षितुम् रक्षित्वा | रक्षत् रक्ष्यमान रक्ष्यमान रक्षित रक्षित / रथित क्षितला, जीररक्ष्य रहयो / | रक्षवा माटे | रक्षीने रक्षण करतो रक्षण करातो रक्षण कराता रक्षा करेलो रक्षा रक्षतुं जाइए। रक्षाय हे 3 रक्षवु उद्यमान बोलातो टोले 39 5. | वद् | पर | वदितुम् |उदित्वा वदत उद्यमान बोलवू | | | बोलवा माटे | बोलीने बोलतो बोलाटो / 6. | वस् 1 पर | वस्तुम् |उषित्वा | वसत् उष्यमाण वसतुं | | | रहेवा माटे रहीने वसतो,रहेतो वसातो, भण् 1 पर | भणितुम् भणित्वा भणत् भण्यमान भणवू | | भणवा माटे | भणीने भणतो भणातो उष्यमाण वसातो भण्यमान भणातो उ दित उदित तदितव्य वदनीय मादय उठाते / बोलायला बोलायेलो बोल नाइए बोलाय हे उषित उषित वस्तब, वानीच, वास्य उष्यते तपायेलो बसायला वराव जाइए रहेदा योग्य | वसाय छ भण्यो भणायेलो भणायेलो भणवा योग्य भणाय छे 7 भणेलो
Loading... Page Navigation 1 ... 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208