Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust

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Page 176
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वर्तमान भावे कृदन्त करि भूत भावे भूत विध्यर्थ एक वचन जे पाठ क्रमाक lale UC / जाने क्रम. वृध्यते हरण / | वृध् 1 |आ वर्धितुम् वृष्वा वर्धमान वृध्यमान वृध्यमान वृद्धवत् वृद्धवृद्ध वर्धितव्य,वर्धनीय,वृध्य वधq / वधवा माटे |वधीने वधतो वधातो वधातो | वधेनुं वधायेलो |वधायेलो |वधवा योग्य वधाय छे / 77. |पच् 1 |आ |पक्तुम् पक्त्वा पचत्,पचमान पच्यमान | पच्यमान |पक्तवत् पक्त पक्त पक्तव्य, पचनीय पच्यते |15 पकावतुं / पकाववामाटे |पकावीने | पकावतो |पकावातो पकावातो | पकावेलो | पकावायेलोपकावायेलो पकाववा योग्य पकावाय छ / 578. ह 1 |उभय | हर्तुम् हृत्वा हरत,हरमाण ह्रियमाण ह्रियमाण | हृतवत् हृत हृत ह र्तव्य, हरणीय, हार्य हियते 15/ हरण हरण हरण करतो हरण करातो हरण करातो हरण करेलो हरण हरण हरण करवा योग्य | हरण कराय करवू | | करवा माटे करीने करायेलो करायेलो 1 |आ डयितुम् डयित्वा |डयमान |डीयमान डीयमान डयितवत् / डयित डयित डयितव्य / डीयते 27 उडवा माटे |उडीने उडतो उडातो | उडातो | उडेलो उडायेलो उडायेलो | उडवा योग्य 1 ]आ |भाषितुम् भाषित्वा |भाषमाण |भाष्यमाण |भाष्यमाण |भाषितवत् |भाषित भाषित |भाषितव्य, भाष्य भाष्यते बोलवा माटे |बोलीने बोलतो बोलातो | बोलातो | बोलेलो बोलायेलो | बोलायेलो | बोलवा योग्य बोलाय छे रम् 1 |आ |रन्तुम् रत्वा रममाण रम्यमाण रम्यमाण रतवत् रत रन्तव्य, रमणीय, रम्य रम्यते | रमवा माटे रमीने | रमतो रमातो रमातो रमेलो | रमायेलो रमायेलो | रमवा योग्य रमाय छे लभ् 1 |आ |लब्धुम् लब्ध्वा लभमान लभ्यमान लभ्यमान | लब्धवत् | लब्ध लब्ध / | लब्धव्य, लभनीय, लभ्य | लभ्यते पामवा माटे |पामीने | पामतो पमातो पमातो पामेलो |पमायेलो |पमायेलो | पामवा योग्य पमाय छे उडाय ठे रत

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