Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust
View full book text ________________ वर्तमान भावे कृदन्त के वाक्य वाक्य पुछाय उद्यमान 7. |रम्यामान 1. | दीयमान | अपाती, अपातुं, अपातो, राजा वडे अपाय छ। अपाय नृपेण दीयमानमस्ति। पुछातो, पुछातुं, पुछाती विद्यार्थी वडे पुछाय छ। छात्रेण पृच्छ्यमानम् अस्ति। गण्यमान | गणातो, गणातुं, गणाती, कोशाध्यक्ष वडे गणाय छे। गणाय कोशाध्यक्षेण गण्यमानम् अस्ति। 4. |रच्यमान | | रचातो, रचातुं, रचाती, रचाय | कविओ वडे धरमां रचाय छ / कविभिः गृहे रच्यमानम् अस्ति। | बोलातो, बोलाती, बोलातुं | देवदत्त वडे बोलाय छ। बेलाय देवदत्तेन उद्यमानम् अस्ति। 6. | अट्यमान | रखडातो, रखडाती, रखडातुं, | बे मित्रो वडे वनमा रखडाय छ। | रखडाय मित्राभ्याम् वने अट्यमानम् अस्ति। | रमातो, रमाती, रमातुं, रमाय | बालको वडे रमाय छ। बालैः रम्यमानम् अस्ति। गम्यमान | जवातो, जवाती, जवातुं | पीता वडे गममाथी जवाय छे। जवाय जनकेन ग्रामात् गम्यमानम् अस्ति। 9. | पत्यमान | पडातो, पडाती, पडातुं, पडाय| तेना वडे कुवामां पडातुं नथी। तेन कुपे न पत्यमानम्। 10.| घोष्यमान | घोषणा करतो, करती, राजा वडे घोषणा कराय छ / | करतुं, कराय नृपेण घोष्यमानम् अस्ति। 11.| लिख्यमान | लखातो, लखाती, लखातुं, अपंग वडे लखातुं नथी। लखाय खञ्जन न लिख्यमानम्।। 12.| सृज्यमान | सर्जन करातो, कराती, | शिक्षक वडे सर्जन कराय छ। करातुं, कराय अध्यापकेन सृज्यमानम् अस्ति। 13. चोर्यमाण | चोरातुं चोरातो, चोराती, | चोरो वडे चोराय छ। चोराय चौरैः चोर्यमाणमस्ति। 14. स्पृश्यमान | स्पर्श करातो, कराती, ते बे वडे स्पर्श कराय छ। करातुं, कराय | ताभ्याम् स्पृश्यमानमस्ति। 15. वन्द्यमान | वंदन करातो, कराती, शिष्य वडे वंदन कराय छ। करातुं, कराय शिष्येण वन्द्यमानमस्ति। 1184
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