Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust

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Page 200
________________ - वर्तमान कर्मणि कृदन्त के वाक्य अर्थ र क्रम. वर्त कर्म. कृदन्त वाक्य 1. गम्यमान |जवातो, जवाती, जवातुं | तेना वडे जवातुं गाम सारू छ। तेन गभ्यमानः ग्रामः शोभनः अस्ति। |2. | लिख्यमान् लखातो, लखाती, लखातुं | कविओं वडे लखाती पुस्तक लाल छ। कविभिः लिख्यमानं पुस्तकं रक्तं अस्ति। | 3. | खाद्यमान | खवातो, खवाती, खवातुं | विद्यार्थी वडे खवाता अडद सारा नथी। छात्रेण खाद्यमानः माषः शोभनः नास्ति। 14. | पीयमान |पीवातो, पीवाती, पीवातुं | घोडा वडे पीवातुं पाणी समुद्रुनुं छे। अश्वेन पीयमानं जलं समुद्रस्य अस्ति | दीयमान आपातो, अपाती, अपातुं बे राजाओ वडे अपातो घोडो कुशळ छ। नुपाभ्याम् दीयमानः अश्वः कुशळ: अस्ति। |दृश्यमान | जोवातो, जोवाती, जोवातुं | देव वडे जोवातुं नगर नजीक छ। देवेन दृश्यमानं नगरं समीपं अस्ति। वंदातो, वंदाती, वंदातुं अमर वडे वंदाती बे देवी देवलोक नी छ। अमरेण वंद्यमानं देव्यै देवलोकस्य स्तः। 8. | जिम्यमान | खवातो, खवाती, खवातुं बालीकाओ वडे खवाता चोखा सफेद छ। बालाभिः जिम्यमानाः तण्डुलाः श्वेताः सन्ति / 9. | कथ्यमान | कहेवातो, कहेवाती, कहेवातुं | साधुओ वडे कहेवातो धर्म वीरनो छ। श्रमणैः कथ्यमानः धर्मः वीरस्य अस्ति। 10. गण्यमान | गणाता, गणाती, गणातुं | पिता वडे गणाता पैसा देवद्रव्य ना छ। जनकेन गण्यमानं वित्तं देवद्रव्यस्य अस्ति। | 11. विरच्यमान | बनावातो, बनावाती, बनावातुं | | कुंभार वडे बनावातुं वासण माटी मुंछे। कुम्भकारेण विरच्यमान भाण्डं मृदः अस्ति। | 12. रक्ष्यमाण | रक्षण करातो, कराती, करातुं मारा वडे रक्षण करातुं गाम आ राजानु छ / मया रक्ष्यमाणः ग्रामः अस्य नुपस्य अस्ति। | 13. | उष्यमाण |वसाता, वसाती, वसातुं मित्र वडे वसाता घरो काळा छ। मित्रेण उष्यमाणानि गृहाणि कृष्णानि सन्ति। 14. भण्यमान |भणातो, भणाती, भणातुं विद्यार्थीओ वडे भणातो पाठ संस्कृत नो छ। | छात्रैः भण्यमानः पाठः संस्कृतस्य अस्ति। | 15.| दह्यमान | बळातो, बळाती, बळातुं | मजुरो वडे बळातुं जंगल चन्दनोना लाकडानु छ / | किङ्करैः दह्यमानं वनं चंदनानाम् काष्ठानाम् अस्ति। 11834

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