Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust

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Page 197
________________ कर्मणि भूत कृदन्त के वाक्य मना अर्थ - वाक्य क्रम. कर्म भूत कृदन्त |1. |जित खादित लिखित दत्त कथित | जीतायो, जीताइ, जीतायुं. राम वडे युद्धमां रावण जीतायो। जीतायेलो, जीतायेली रामेण युधि रावणः जीतः / खवायो, खवाइ, खवायुं, हरणो वडे गाम मां घास खवायु। खवायेलो मृगैः ग्रामे तृणानि खादितानि। पीवायो, पीवायुं, पीवायेलो, | अपायेला हाथी वडे गरम दुध पीवायुं। | पीवायेली दत्तेन गजेन उष्णं दुग्धं पीतं। |जवायो, जवाइ, जवायु, |बालीकाओं वडे घरेथी पाठशाला जवायुं / जवायेलो, जवायेली | बालाभिः गृहात् पाठशाला गता। | स्पर्श करायो, करायी, करायु, स्पर्श करायेला वांदरा वडे फळो खवाया। | स्पर्श करायेलो, ली, लुं स्पृष्टेन वानरेन फलानि स्वादितानि / लखायो, लखायि, लखायं, बे पंडितो वडे बे पुस्तको लखाइ। | लखायेलो, लखयेली | पण्डिताभ्याम् पुस्तके लिखिते। अपायो, अपायि, अपायु गुरूओ वडे शिष्यो ने तत्वोनु ज्ञान अपायु अपायेलो, अपायेली गुरूभिः शिष्येभ्यः तत्वानाम् ज्ञानं दत्तं / कहाया, कहाइ, कहायु, साधु द्वारा माणसोने प्रवचन मां धर्म कहायो। कहायेलो, कहायेली | श्रमणेन जनान् प्रवचने धर्मः कथितः / | रंधाया, रंधाइ, रंधायुं. | माता वडे खावा माटे चोखा रंधाया। रंधायेलो, रंधायेली, रंधायेखें |जनन्या खादितुम् तण्डूलाः पक्वाः / गणायो, गणाइ, गणायुं, बालीकाओं द्वारा पुष्प मालाओ गणाइ। गणेलो, गणेली बालाभिः पुष्पमालाः गणिताः। | पूजायो, पूजाइ, पूजायु, | श्रावको वडे मंदिर मां पुष्पो वडे वीर पूजाया पूजायेलो, पूजायेली, लुं श्रावकैः देवालये पुष्पैः वीरः पूजितः / मरायो, मराइ, मरायु, देवदत्त वडे लाकडीथी ते बन्ने ने मरायुं / मरायेलो, मरायेली, लु | देवदत्तेन दण्डेन तौ ताडितौ। तरायो, तराइ, तरायु, | काचबाओं द्वारा विशाल समुद्र बे हाथ वडे तरायो। तरायेलो, तरायेली, लुं | कुर्मः विशालः समुद्रः हस्ताभ्याम् तीर्णः / | रचायो, रचाइ, रचायुं. | लखायेलु काव्य कविओं द्वारा मधुर शब्दोथी रचायुं। | रचायेलो, रचायेली, रचायेलं | लिखितं काव्यं कविभिः मधुर शब्दैः विरचिते। | वहन करायो, वहन करायेली, नोकरो द्वारा घणो भार वहन करायो। | वहन करायेलो | किङ्करैः बहुः भारः ऊढः। पक्व गणित | पूजित ताडित 13. तीर्ण 14. विरचित 15. ऊढ [1801

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