Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust
View full book text ________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त कर्मणि कृदन्त SY ebie plle क्रम. कर्मणि तृ.पु. एक वचन LIFE Lalice विध्यथ black lih Lole 2h in - | दुःखी थवातो 189| वि+लोक 1 |पर विलोकयितुम् विलोक्य विलोकमान विलोक्यमान | विलोक्यमान | विलोकितवत् विलोकित विलोकित |विलोकितव्य, विलोकनीय विलोक्यते विलोकन | विलोकन विलोकन | विलोकन विलोकन विलोकन विलोकन | विलोकन विलोकन विलोकन करवा योग्य विलोकन करवू करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे 190| सद्(सीद)1 पर सत्तुम् सत्वा सीदत् सद्यमान सद्यमान सन्नवत् | सन्न सन्न सत्तव्य, सदनीय, साद्य सद्यते दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी | दुःखी दुःखी दुःखी थवा योग्य दुःखी थवा माटे थइने थतो थवातो थयेलो | थवायेलो थवायेलो थवाय छे |191/प्र+सद् |1 |पर प्रसत्तुम् प्रसद्य प्रसीदत् प्रसद्यमान / प्रसद्यमान | प्रसन्नवत् | प्रसन्न प्रसन्न प्रसत्तव्य,प्रसदनीय,प्रसाद्य प्रसद्यते प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न | प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न थवा योग्य प्रसन्न थ, थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवाय छे |1 |पर हसितुम् हसित्वा |हसत् हस्यमान हस्यमान हसितवत् | हसित हसित हसितव्य, हसनीय, हास्य | हस्यते / - हसवू हसवा माटे | हसीने हसतो हसातो हसातो | पला हसवु जाइए | हसायेलो | हसायेलो |हसवू जोइए / हसाय छे 193| उद्+स्था 1 पर | उत्थातुम् उत्थाय उत्तिष्ठत् उत्थीयमान | उत्थीयमान | उत्थितवत् | उत्थित | उत्थित उत्थातव्य,उत्थानीय,उत्थेय उत्थीयते। उभा उभो उभो उभो उभो उभो उभो | उभो |उभो उभा थवा योग्य उभो थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवाय छे हस्
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