Book Title: Oswal Vansh Sthapak Adyacharya Ratnaprabhsuriji Ka Jayanti Mahotsav
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala

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Page 4
________________ क्या ग्राफ प्रासकाल है ! क्या आपको ओसवाल जाति का गौरव है ?क्या आपकी नसों में ओसवाल जाति काखून है?क्या आप कृतघ्नता के पाप से बचना चाहते हैं?क्या आप कृतज्ञता प्राप्त करने के इच्छुक हैं ?क्या आप अपनी पतन दशा कोरोकना चाहते हैं?क्या आप अपनी उन्नति के अभिलाषी हैं ?यदि इन सब प्रश्नों का उत्तर "हाँ" में है तो ओसवाल वंश के आद्य-प्रवर्तक जैनाचार्य श्री रत्नप्रभसूरि उपकार स्मरणार्थ उनकी स्वर्गवास होने की तिाथे । माघ शुक्ला पूर्णिमा " कोविराट् सभा एवं बड़े ही समारोह के साथ जयन्ति महोत्सव मनाकर देखिये आपकी आत्मा में वीरता एवं विशालता की कैसी नई विद्युत् धारा पैदा होती है ! Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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