Book Title: Nyayamanjari Part 01
Author(s): Jayant Bhatt, Chakradhar, Gaurinath Shastri
Publisher: Sampurnand Sanskrit Vishva Vidyalay

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Page 498
________________ परिशिष्टम् १ १६ सांख्य रिव ३४१।१९ सूत्रकारस्य कौशलम् १८७।१८ सामग्रीविशेषणपक्षः १.४५ सूत्रकाराशयम् १२२।१३ सामवेद ३५६।२५ सूत्रकारेण अक्षपादेन) १७२।१७ सामिधेनी ४१०२ सूत्रकृत् (अजपादः) १३५।४, १८७।२५, समिधेन्यः (समित्प्रक्षेपमन्त्राः) ३६०।२२, २०९।.५ ३९१११ सूत्रकृता (अक्षपादेन) १२१।२०, १३२।१७ सालावृकाणाम् ३३३११९ ३२३३२० सिक्थ ३०७८,६,११ . सूत्रपदसङ्गतिः (न्या० सू० १।१।४) सिक्थगुलकाः ३०७११८ १०४।१७ सिद्धदर्शनम् १६१।१२ सूत्रस्य (मी०सू० ११३, ५।१०) ३४३।२७ सिद्धान्ते ३४४।२४ सूत्रार्थः(न्या सू० १।१।४) १०४।१६,२८१।१, सुगत ३८५।१२ ३१३।१९,३०४।२६ सुगन्धिबन्धूक १२३८ सूत्रावयवम् ३२४।२०,२१ सुशिक्षितचार्वाकाः सूत्रे(न्या सू०१।१।७) १००।५, १३०६, (उद्भटादयः) ५२।१९,२६ १४०1८ सुशिक्षिततराः (चार्वाकाः) १८४६ ,. (जैमिनीये) १५४।५, २९३।२३ सूत्रेण सुशिक्षिताः ३२४१५ (प्राभाकराः) २४६८ सृणिप्रतोदनोदन ३४२।४ सूक्तवाकनिगदः ७३।१२ सोमावसेकः (सोमावलेपः) ४११।३.१६ सूक्ष्मदृष्टिभिः १६९।११,१२ सौगत ५२।१३ सूत्रम् (न्या० सू०) ११३८ १८५।२ सौगतपक्ष ३९८/२० २०३।२३, २०९।२३, सौगतवत् ३२।२१ २१८१८ सौगतसंसारमोचकागमः३७९।१३ ।, (मी० सू०) ३१३।२३ सौगताः ३६१८,२६९।। सूत्रकारः (अक्षपादः) ४१।१, १९, १२१।२२ सौगतानाम् ९३।१० १२२।१३, १७, सौगतेन १२४।१२ १३४।११, सौगतैः १:१९ २०५।२, ३९१।३ सौगतोद्गीत १७४/३ ૪૮ીર,

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