Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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जोड़
जोग
जोण्ह
झाण
ठाण
ट्ठिदि
णंताणंत
णाण
णाणाकम्म
णाणागुण
णाणाजीव
(150)
योगी
इकारान्त पु.
मन-वचन-काय अकारान्त पु.
योग
जिनेन्द्रदेव
ध्यान
खड़े रहना
गुणस्थान
स्थिति (बंध)
अनंतानंत
(मिथ्या) ज्ञान
सम्यग्ज्ञान
ज्ञान
155
100
137, 138, 139,
140, 141
अकारान्त पु.
अकारान्त पु., नपुं. 89, 92, 93, 119,
129, 133, 151
इकारान्त स्त्री.
अकारान्त पु.
अकारान्त नपुं.
139
अकारान्त पु., नपुं. 175
158
98
118
91
91, 100, 134
102,116, 157,160,
161,162,164,165,
167, 170, 171,177
अनेक प्रकार के अकारान्त पु., नपुं. 156
कर्म
अनेक प्रकार के अकारान्त पु., नपुं. 168
गुण
अनेक प्रकार के अकारान्त पु., नपुं. 156
जीव
नियमसार (खण्ड-2)
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