Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 165
________________ सत्ति सद्दहण समअ समण समदा समद्दव समभाव समय समय समाहि समिदि शक्ति इकारान्त स्त्री. 154 श्रद्धान अकारान्त नपुं. 154 सिद्धान्त अकारान्त पु. 108, 156 श्रमण अकारान्त पु. 107, 124, 134, 143, 145, 148, 149, 151, 152 समता आकारान्त स्त्री. 124 अपनी नम्रता अकारान्त नपुं. 115 समभाव अकारान्त पु. 109, 110 अकारान्त पु. 176 समाधि इकारान्त पु., स्त्री. 104, 122, 123 समिति इकारान्त स्त्री. 113 समभाव अकारान्त नपुं. 104 सम्यक्त्व अकारान्त नपुं. 90 सम्यग्दर्शन 91 स्वरूप अकारान्त नपुं. 119, 166, 170 शल्य अकारान्त पु., नपुं. 87 स्वभाव अकारान्त पु. 96,146,147,177 श्रमणता अकारान्त नपुं. 147 सामायिक अकारान्त नपुं. 125, 126, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133 सामायिक __अकारान्त नपुं. 103 अकारान्त पु., नपुं. 134 सम्म सम्मत्त सरूव सल्ल सहाव सामण्ण सामाइग सामाइय सावग श्रावक (158) नियमसार (खण्ड-2)

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