Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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ल्प
विरिय
156
175
वारण निवारण ___ अकारान्त नपुं. 83 रोक
95, 120 विगडि विकार
इकारान्त स्त्री. 128 विम्हिअ आश्चर्य अकारान्त पु. 180 वियडीकरण वियडीकरण अकारान्त नपुं. 108, 111 वियप्प विकल्प अकारान्त पु. 138 विराहणा अशुद्ध आराधना आकारान्त स्त्री. 84
वीर्य अकारान्त पु., नपुं. 182 विरोध विरोध अकारान्त पु. 185 विवाद विवाद अकारान्त पु. विहार विहार करना अकारान्त पु. विहाव विभाव
अकारान्त पु. 107 स्त्रीवेद, पुरुषवेद, अकारान्त पु. नपुंसकवेद
अकारान्त नपुं. 104 व्व
व्रत अकारान्त पु., नपुं. 155 संयम अकारान्त पु. 113, 123, 127 संयोग
अकारान्त पु. संतोस संतोष अकारान्त पु. संदेह
अकारान्त पु. 171 संदोह समूह
अकारान्त पु. 118 संवर
अकारान्त पु. संसार
अकारान्त पु. सज्झाय स्वाध्याय अकारान्त पु.
संजम संजोग
102
115
संदेह
रोकना
100
संसार
105
153
नियमसार (खण्ड-2)
(157)
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