Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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श्रेष्ठ मनि
92
मुणिवर मूल मेत्त मोक्ख
मोण मोह
मोह
मोहणीय
रति
रयणा
राग राय
अकारान्त पु. अकारान्त नपुं. 110 अकारान्त नपुं. 176 अकारान्त पु. 135, 136 अकारान्त नपु. 124, 155
अकारान्त पु. 80, 145, 180 मोहनीय कर्म अकारान्त नपुं. 175
इकारान्त स्त्री. 131 कौशल आकारान्त स्त्री. 83, 120 राग
अकारान्त पु. 80, 83, 128 राग
अकारान्त पु. 120, 137 रौद्रध्यान
अकारान्त नपुं. 89, 129, 181 लक्षण अकारान्त पु., नपुं. 102,108,143,144 लब्धि इकारान्त स्त्री. 156 लोक
अकारान्त पु. 112, 166, 169 लोक का अग्रभाग अकारान्त नपुं. 176, 183 लोभ अकारान्त पु. 81, 112, 115 वनवास अकारान्त पु. 124 व्रत अकारान्त पु., नपुं. 113 वचन अकारान्त पु., नपुं. 120, 122, 173,
174, 186 शब्द उच्चारण शब्द व्यवहारनय अकारान्त पु. 135, 159, 164
लक्खण
लद्धि
लोय लोयग्ग
लोह
वणवास
वद
वयण
83
156 .
ववहारणय
(156)
नियमसार (खण्ड-2)
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