Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 181
________________ 79 106 संजुत्त 4. " वीयराय वीतराग 122 वृद्ध संजद संयमी साधु 144 168 संपुण्ण 147 161, 171 स-अक्ख-अट्ठ इन्द्रिय-विषय-सहित । 175 सकीय निज-आत्मा 110 सग अपना 156, 167 स-प्पदेसत्त प्रदेशता-युक्त 182 सम समभाववाला 126 समज्जिय उपार्जित 118 समत्थ समर्थ 110 समयण्ह सिद्धान्त को जाननेवाले 185 सयल समस्त 95, 168 सासद शाश्वत 102 साहीण स्वाधीन 114 स्व 110 सिद्ध सिद्ध 183 186 सुंदर मनोज्ञ शुद्ध 177 95, 118, 120, 144 (174) नियमसार (खण्ड-2)

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