Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 177
________________ असुह अशुभ आवश्यक 95, 118, 120, 143 141, 146, 147 142, 143 आवश्यक आवास आवस्सय आवासअ/ आवासय आवश्यक 144, 148, 149, 158 इदर 137, 138 अन्य अन्य इयर 167 उत्तम एक्क 157 102 82 ऐसा उत्तम कोई अकेला एरिस ऐसा एरिसय करनेवाला करनेवाला कारइदु करानेवाला केवल केवल केवलणाणि केवलज्ञानी केवलि कत्ति कत्तु 145 77, 78, 79, 80, 81 77, 78, 79, 80, 81 77, 78, 79, 80, 81 182 159, 160, 172 158, 159, 166, 169, 172, 175 108, 115 154 केवली चार प्रकार का चउविह झाणमय णाणाविह णाणि ध्यानमय अनेक प्रकार का ज्ञानी 156 96, 97, 157, 173, 174 (170) नियमसार (खण्ड-2)

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