Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 178
________________ 94 नामक कषाय-रहित 105 लीन 114 178 णामधेय णिक्कसाय णिग्गहण णिच्च णिम्ममत्त णिम्मल णिम्मुक्क णिय 99 नित्य ममता-रहित निर्मल रहित 146 निज 178, 187 97, 114, 136, 139, 155, 187 142 अशरीरी णिरवयव णिरायार णिस्सल्ल शुद्ध 103 1 तिगुत्त 125 तिगुत्तिगुत्त 88 शल्य-रहित तीन गुप्तिवाला मन-वचन-काय की निर्दोष प्रवृत्तिवाला तिर्यंच में स्थित तीन प्रकार से तीन प्रकार का तिरियत्थ तिविह 103 103 तरुण तरुण थिर । 85, 86,98, 121 स्थिर संयमी दंत 105 दृढ़ 82 दिढ पच्चक्ख प्रत्यक्ष 167 नियमसार (खण्ड-2) (171)

Loading...

Page Navigation
1 ... 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198