Book Title: Niyamsara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 160
________________ पडिकमण प्रतिक्रमण पडिक्कमण प्रतिक्रमण पड प्रकृति पयास प्रकाश परिचाग परित्याग परिणाम परिहार परोक्ख पवयण पह पायच्छित्त पाय छत्त पाव पीडा पुग्गल पुणरागमण पुण्ण पुरिस भावदशा परिणाम भाव फल की आकांक्षा परिहार परोक्ष प्रवचन मार्ग प्रायश्चित्त प्रायश्चित्त पाप पीड़ा पुद्गल पुनरागमन पुण्य पुरुष नियमसार (खण्ड-2) अकारान्त नपुं. अकारान्त नपुं. इकारान्त स्त्री. अकारान्त पु. अकारान्त पु. अकारान्त पु. अकारान्त पु. अकारान्त नपुं. अकारान्त नपुं. 83,84,85,86,87, 88,89,92,93,94, 52,153,154,155 82, 91, 94 98, 176 160 93 109 110 113 173 119, 137 168 185 136 अकारान्त पु. अकारान्त पु., नपुं. 114,116,117, 118 अकारान्त पु., नपुं. 113 अकारान्त पु., नपुं. 130, 178 आकारान्त स्त्री. 179 अकारान्त पु., नपुं. 184 अकारान्त नपुं. 178 अकारान्त पु., नपुं. 130, 178 अकारान्त पु., नपुं. 135, 158 (153)


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