Book Title: Niryukti Panchak Author(s): Bhadrabahuswami, Mahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 6
________________ १२ निर्युक्तिपंचक महाप्रज्ञ । ग्रन्थ की पूर्णाहुति में मुनि श्री दुल्हराजजी का अविस्मरणीय योगदान रहा है। उनके अनथक श्रम मार्गदर्शन एवं सम्पादन कौशल ने ही ग्रन्थ को प्रकाशन तक पहुंचा है। जैन विश्व भारती आगम साहित्य प्रकाशन की श्रृंखला में 'निर्युक्तिपंचक' जैसे ग्रंथरत्न को प्रकाशित कर विद्वत् पाठकों एवं सत्य-संधित्सुओं को यह ग्रन्थ सौंपते हुए गौरव की अनुभूति कर रही हैं। सम्पूर्ण नियुक्ति साहित्य को पांच खण्डों में प्रकाशित करने की योजना है, जिसमें यह तीसरा खण्ड ८५० पृष्ठों में राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारत सरकार के आर्थिक सौजन्य से प्रकाशित हो रहा है। प्रथम खण्ड प्रकाशनाधीन है। विद्ववर्ग में यह ग्रन्थ समादृत होगा, इसी अशा और विश्वास के साथ सबके प्रति विनम्र आभार ज्ञापन | श्रीचन्द बैंगानी जैरिती लाडनूंPage Navigation
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