Book Title: Nandisutra Mahatmya
Author(s): Gyansundar
Publisher: Shah Maneklal Anupchand

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Page 24
________________ [२२] बुद्धबोहियसिद्धा, इथिलिंगसिओं, पुरिसलिंगसिद्धा, नपुंसगलिंगसिद्धों, सलिंगसिडी, अन्नलिंगसिद्धा, गिहिलिंगसिडौं, एगसिद्धों, अणेगसिंडी, मेत्तं अणतरसिद्ध केवलनाणं। सेकितं परंपर सिद्धकेचलनाणं १ परंपरसिद्ध केवलनाणं अणेगविहं पन्नत्तं तं जहा अपढम समयसिद्धा दुसमयसिद्धा तिसमयसिद्धा जाव दस समयसिद्धा संखिज समयसिद्धा असंस्विज समयसिद्धा अणंत समयसिद्धा। सेत्तं परंपर सिद्ध केवलनाणं । सेतं सिद्ध केवलनाणं ॥ तं समासओ चउन्विहं पन्नत्तं तं जहा-दव्यओ खित्तओ, कालओ, भावओ, तत्थ दव्वओणं केवलनाणी सव्वदव्वाइं जाणइ पासइ । खित्तओणं केवलनाणी सव्वखित्तं जाणइ पासह । कालओणं केवलनाणी सव्वकालं जाणइ पासइ । भावओणं केवलनाणी सव्वंभावं जाणइ पासइअह सव्व दव्व परिणाम भावविन्नति कारणमणंते सासय मप्पडिवाई एगविहं केवलनाणं ॥१॥ केवलनाणेणऽत्थे नाउं जेत्तत्थ पन्न वण जोगे। ते भासह तित्थयरो वइजोगसुअं इवइ सेसं ॥२॥

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