Book Title: Nandisutra Mahatmya
Author(s): Gyansundar
Publisher: Shah Maneklal Anupchand
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[ ४४ ] . सेकिंतं उवास गदसाओ। उवासगदसासुणं समणोवासयाणं नगराई उज्जाणाइं चेहआई वणसंडाइं समोसरणाइं रायाणो अम्मापियारो धम्माय, रिआ धम्मकहाओडहलोइअपरलोइआइड्ढिविसेसा भोगपरिचाया पव्वज्जाओ परिआया सुअपरिग्गहा तवोवहाणाइंसीलव्धय गुणवेरमण पच्चक्खाण पोसहो ववास पडिवज्जणया पडिमाओ उवसग्गा संलेहणाओभत्तपञ्चक्खाणाइंपाओवगमणाइंदेवलोगगमणाई सुकुल पञ्चायाईओ पुणबोहिलाभा अंतकिरियाओ (अ) आघविजंति उवासगदसाणं परित्ता वायणा संखिजा अणुओगदारा संखिज्जा वेढा संखिज्जा सिलोगा संखिज्जाओ निज्जुत्तीओ संखिज्जाओ पडिवत्तीओसंखिज्जाओ संगहणीओ सेणं अंगट्टयाए सत्तमे अंगे एगे सुअक्खंधे दस अज्झणा दस उद्देसण काला दस समुद्देसण काला सखिजा पयसहस्सा पय. ग्गेणं संखिजा अक्खरा अणंता गमा अणंता पजवा परित्ता तसा अणता थावरा सासयकड नियड नि: काइया जिणपन्नत्ता भावा आघविनंति पन्नविनंति परूविनंति देसिजति निदसिजति उवदंसिर्जति सेएव आया सेएवं नाया सेएवं विन्नाया सेएवं चरण करण परूवणा आघविजह । सेत्तं उवासगदसाओ ॥ ७॥

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