Book Title: Nandisutra Mahatmya
Author(s): Gyansundar
Publisher: Shah Maneklal Anupchand

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Page 47
________________ __ [४५ ] सेकिंतं अंतगड दसाओ। अंतगड दसास्तुणं अंतगडाणं मगराई उजाणाइं चेहआई वणसंडाई समोसरणाई रायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइय परलोइया इविविसेसा भोगपरिचाइया पव्व जाओ परिआया सुअपरिग्गहा तवो वहाणाई संलेहणाओ भत्तंपच्चक्खाणाई पाओ वगमणाई अंतकिरियाओ आघविनंति अंतगडदसासुणं परित्ता वायणा संखिज्जा अणुओगदारा संखिज्जा वेढा सांखिज्जा मिलोगा संखिज्जाओ निज्जुत्तीओ संखिज्जाओ पडिवत्तीओ संखिज्जाओ संगहणीओ सेणं अंगठ्याए अहमे अंगे एगे सुअक्खंधे अट्ट वग्गा अट्ठ उद्देसण काला अट्ट समुद्देसण काला संखिज्जा पयसहस्सा पयग्गणं मंखिज्जा अक्खरा अणंतागमा अणंता पज्जवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासयकड निबद्ध निकाइया जिणपन्नता भावा आघविनंति पन्नविज्जति परूविजंति दमिति निदसिजति उवदंसिजति सेएवं आया सेएवं नाया सेएवं विनाया सेएवं चरण करण परूवणा आघविजह । सेत्तं अंतगडदसाओ ॥८॥ सेकिंतं अणुत्तरो ववाइ अदमाओ । अणुत्तरी ववाइ अदसासुणं अणुत्तरो ववाइ आणं नगराई

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