Book Title: Nandisutra Mahatmya
Author(s): Gyansundar
Publisher: Shah Maneklal Anupchand

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Page 42
________________ [ 80 ] ठाविज्जति ठाणेणं टंका कूडा सेला सिहरिणो भारा कुंडाई गुहाओ आगरा दहा नईआ आघविज्अंति ठाणेणं परित्ता वायणा संखिज्जा अणुओगदारा संखिज्जा वेढा संखिज्जा सिलोगा संखिज्जाओ निज्जुत्तीओ संखिज्जाओ पडिवत्तीओ संखिज्जाओ संग्रहणीओ सेणं अंगट्टपाए तइए अंगे एगे सुअक्खंधे दस अज्झयणा एगवीसं उद्देसण काला एगवीसं समुद्देसण काला बावन्तरि पयसहस्सा पयग्गेणं संखिज्जा अक्खरा अनंता गमा अनंता पज्जवा परित्ता तसा अनंता थावरा सासयकड निबद्ध निकाइआ जिणपन्नता भावा आघविज् जंति पन्नदि ज्जति परुविज्जति दंसिज्जति निदंसिज्जति उवदंसिज्जति सेएवं आया सेएवं नाया सेएव विन्नाया सेएवं चरण करण परूवणा आघविज्जइ । सेत्त ठाणे ॥ ३ ॥ सेकिंतं समवाए । समवाएणं जीवा समासिजति अजीवा समासिज्जति जीवाजीवा समासि ज्जंति ससमए समासिज्जंति परसमए समासिज्जं - ति ससमए परसमए समासिज्जंति लोए समासिज्जति अलोए समासिज्जंति लोए अलोए

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