Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust
View full book text ________________ ASONSIBERSHARASHTRARASHTRA मीनगशेखरसूरिविरचितं श्रीनलषमयन्तीचरिणम् RANBIHARANPrage 9 855 856 858 859 15 862 888 897 866 888 15 12 समाधिता, द्वादपि समाधिना, बावपि बहलीविषयोत्तसं बहलीविषयोप्स 8832 अरण्य, आरजीविका अरण्ये, आजीविका 884 13 अच्छादितामिव आच्छादितामिव 884 स्व यश: स्वं यशः 886 बिभतीति बिभ्रतीति 886 शक्रकेदण्डभृत्, तेजास्विना 887 शक्रकोदण्डभृत, तेजस्विनां 888 जानुक्याम् आ जानुभ्याम् आ गिरीन्द्रामिव गिरीन्द्रमिव समुतन्न: समुत्पन्न: 888 न्यवर्तते न्यवर्तत 8824 आवृष्टि आवृष्टिं 884 शक्यतेऽहीं शक्यतेऽहीं आवृष्टि आवृष्टिं . 884 1 ककर्दमदुर्गमा कर्दमदुर्गमा: इतस्तनः इतस्तत: 884 13 पदचकमणसेब पदचङ्कमणेरेव 895 4 क्षरकुम्प्रेन क्षीरकुम्भेन सामसाद्य समासाद्य जायात पतिश्च जाया च पतिश्च क्षीरडिण्डिनामको क्षीरडिण्डिरनामको पूनधूसरीजीन पुन:धूसरीनीव तया त चव त्वया च तव प्राप्यात प्राप्यत तिलकाधोनात् तिलकाधानात् पृक्ष्वी बिकभर्तीति पृथ्वीं बिभर्तीति भैमीकाक्षसर: भैमीकुक्षिसर: विहार चकार विहारं चकार नलरार्षि नलराजर्षि: राजर्षिवाक्येमधुरशीतलै:राजर्षिवाक्यैमधुरशीतलैः भाविस्थुभद्रादिदृष्टान्तै: भाविस्थूलभद्रादिदृष्टान्तैः स्थलभद्र, स्थलभद्रादयः स्थूलभद्रः स्थूलभदादय: व्रतविरोधनं व्रतविराधनं धप्राग्जम्ननिर्मितजीनेश्वरदिव्यपूजै: प्राग्जन्मनिर्मितजिनेश्वरदिव्यपून: सम्पआप्र सम्प्राप्त पूर्वजन्मानि पूर्वजन्मनि બલરાજએ નલરાજાએ स्यादैहिकामुष्किसौख्यः स्यादैहिकामुष्मिकसौख्य: ऐहिकामुष्कि ऐहिकामुष्मिकम् 898 868 884 11 874 874 876 877 880 881 881 13 12
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