Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 303
________________ # सद्गुरुभ्यो नमः ॥ nanananananammmmmmmmm । जैनधर्मदिवाकर - राजस्थानदीपक - मरुधरदेशोद्धारक है परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजय सुशील सूरीश्वरजी १ म. सा. के विक्रम संवत् २०४५ की साल में है है श्रीदेसूरी नगर में परमशासन-प्रभावनापूर्वक सम्पन्न । हुए अनुपम-चिरस्मरणीय चातुर्मास का संक्षिप्त वर्णन Emmmmmomnomnomnomnow [१] * चातुर्मासार्थ नगर में प्रवेश एवं अष्टाह्निका महोत्सव का प्रारम्भ * श्रीवीर सं. २५१५ विक्रम सं. २०४५ नेमि सं. ४० के आषाढ़ सुद २ बुधवार दिनांक ५-७-१९८६ के दिन प्रातः देसूरी नगर में शास्त्रविशारद-साहित्यरत्न-कविभूषण परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. ने पूज्य मुनिराज श्री रत्नशेखर विजयजी म. सा., मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-२८०

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