Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 342
________________ वहाँ श्री शान्तिनाथ जिनमन्दिर की प्रतिष्ठा एवं अपने शिष्यरत्न सुमधुर प्रवचनकार पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. को गणिपद-प्रदान महामहोत्सव सम्पन्न करवाकर, पूज्यपाद आचार्य म. श्री आनन्दपुरकालू गाँव में स्वागत सहित पधारे । वहाँ पर जीर्णोद्धार कृत श्री आदिनाथ जिन मन्दिर की मंगलकारी प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न करवाया। अनन्तर पूज्यश्री की पावन निश्रा में मेड़ता सिटी से संघ के साथ मेड़ता रोड की पदयात्रा, मेड़ता रोड श्री फलवृद्धि पार्श्वनाथ जैन तीर्थ पर पौष दशमी के सामुदायिक अदुम, सोजत रोड में उद्यापन महोत्सव आदि कार्य सम्पन्न हुए। फिर पूज्यपाद आचार्य म. श्री अगवरी पधारे । अगवरी नगर में श्री वासुपूज्य स्वामी जिनमन्दिर में श्री चौमुखजी भगवान की प्रतिष्ठा तथा प्राचार्यपदप्रदान के रजत जयन्ती निमित्त ११ छोड़ के उजमणा युक्त महामहोत्सव सम्पन्न हुआ। सांचोड़ी नगर में श्री पार्श्वनाथ जिनमन्दिर की प्रथम वर्षगाँठ निमित्त भव्य महोत्सव कार्य सम्पन्न होने के पश्चात् मेवाड़-भीलवाड़ा नगर में प्रतिष्ठा महोत्सव, भीलवाड़ा से बनेड़ा तीर्थ का पदयात्रा संघ, श्री जोरावलाजी तीर्थ पर चैत्रमासीय मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-३१६

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