Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 343
________________ शाश्वती श्री नवपदजी की अोली की आराधना, शिवगंज शहर में भव्य उद्यापन-महोत्सव, जवालो से बस यात्रा संघ का प्रयाण इत्यादि कार्य अपने मार्गदर्शन में सम्पन्न करवाकर पूज्यश्री जावाल में भव्य स्वागतपूर्वक पधारे । जावाल नगर में जिनमन्दिरों की वर्षगाँठ, पूज्य गरिण श्री जिनोत्तम विजयजी महाराज को पंन्यासपद-प्रदानमहोत्सव तथा तपस्विनी पूज्य साध्वीश्री स्नेहलता श्रीजी म. के श्री वर्द्धमान तप की ८२वीं अोला निमित्त ४१ छोड़ का ऐतिहासिक भव्य उजमणा महोत्सव कार्य सम्पन्न करवाकर आषाढ़ सुद १० सोमवार दिनांक २-७-१९६० के दिन परम शासन-प्रभावक पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. तथा पूज्य पंन्यासजी म. आदि ने भव्य स्वागत पूर्वक श्री धनला नगर में चातुर्मास हेतु प्रवेश किया। मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्ति पूजा की प्राचीनता-३२०

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