Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 341
________________ श्रमण परिवार सहित सोजत सिटी तथा प्रानन्दपुरकालू जिनमन्दिर की प्रतिष्ठा करने के लिए विहार किया । श्रीमान् उम्मेदमलजी के घर पगलिए करके और श्रीमान् मोहनलालजी मीठालालजी के गाँव के बाहर आए हुए नोहरे में श्रीसंघ को मांगलिक सुनाकर प्राचार्य - श्री विहार कर श्री सुमेरुतीर्थ में पधारे । * कार्तिक ( मागसर ) वद ११ बुधवार दिनांक २३-११-८९ के दिन तपस्वियों के पारणे हुए तथा सत्तरहभेदी पूजा आदि कार्य हुए । श्री उपधान तप मालारोपण निमित्त ५१ दिन का महामहोत्सव पूर्ण हुआ । विक्रम सं. २०४६ के वर्ष में की हुई शासनप्रभावना की संक्षिप्त नोंध शासनसम्राट समुदाय के सुप्रसिद्ध, जैनधर्मदिवाकर राजस्थान - दीपक मरुधर देशोद्धारक परमपूज्य श्राचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. देसूरी नगर में परमशासन प्रभावना पूर्वक भव्य चातुर्मास समापन के पश्चात् श्री उपधान तप माला महोत्सव सम्पन्न करवाकर सोजत सिटी पधारे, जहाँ आपका अपूर्व स्वागत हुआ । ww मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता - ३१८

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