Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 325
________________ २-* भादरवा सुद ६ बुधवार दिनांक ६-६-१९८६ के दिन प्रातः पूज्य साध्वी श्री सिद्धिरक्षिता श्रीजी म. के ३१ उपवास की तपश्चर्या के पारणा निमित्त पूज्यपाद प्राचार्य भगवन्त ने चतुर्विध संघ सहित शा. जीवराजजी गोदाणी के घर पर पगलियाँ किये । वहाँ ज्ञानपूजन, प्रतिज्ञा एवं मांगलिक के बाद संघपूजा हुई। उसी तरह श्रीमान् वच्छराजजी हजारीमलजी के घर पर भी पगलियाँ हुए। वहाँ पर भी संघपूजा ___पू. साध्वी श्री भव्यगुणा श्रीजी म. के वर्द्धमान तप की ३५वीं व ३६वीं पायम्बिल अोली की तपश्चर्या के पारणा के प्रसंग पर परम पूज्य आचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ समेत बैन्ड युक्त शा. अनराजजी हिम्मतमलजी गोदाणी के घर पर पगलियाँ करने के लिये पधारे । वहाँ पर ज्ञानपूजन, प्रतिज्ञा एवं मांगलिक के बाद संघपूजा हुई। उसी दिन शा. उम्मेदमलजी कालूरामजी अनोपचन्दजी साकरियां परिवार की ओर से 'श्री ऋषि मण्डल पूजन' विधिपूर्वक पढ़ाया गया। तथा प्रभावना, मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता ३०२

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