Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 324
________________ दीपक- मरुधर - देशोद्धारक पूज्यपाद आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी महाराजश्री के ७३वें जन्म दिवस की उजवणी प्रसङ्ग देसूरी श्री जैनसंघ की ओर से श्री जिनेन्द्र भक्ति स्वरूप भादरवा सुद पंचमी से भादरवा सुद १३ तक 'नवाह्निका महोत्सव' का आयोजन हुआ । १ - भादरवा सुद ५ मंगलवार दिनांक ५-६-१६८६ के दिन प्रातः परम शासनप्रभावक पूज्यपाद आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. के पुनीत पगलियाँ चतुविध संघ तथा बैन्ड युक्त श्रीमान् मोहनलालजी मीठालालजी के घर पर हुए । वहाँ ज्ञानपूजन, प्रतिज्ञा एवं मांगलिक श्रवरण के पश्चाद् संघपूजा हुई । अट्ठाई से लगाकर ३१ उपवास करने वालों को तथा अन्य विविध तपश्चर्या करने वालों को पारणे कराने का सौभाग्य इन्हीं श्रीमान् मोहनलालजी मीठालालजी को प्राप्त हुआ । स्वामीवात्सल्य भी हुआ । श्री पंचकल्याणक पूजा- प्रभावना, प्रांगो - रोशनी भावना आदि के आयोजन शा. कालूरामजी अनोपचंदजी साकरियां परिवार की ओर से हुए । मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता - ३०१

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