Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 331
________________ २७-६-८९ के दिन पूज्य साध्वीश्री दिव्यप्रज्ञा श्रीजी म. कृत श्री वर्धमान तप की ६२वीं अोली की पूर्णाहुति के प्रसङ्ग पर परम पूज्य आचार्य म. सा. ने चतुर्विध संघ के साथ बाजते गाजते श्रीमान् जावन्तराजजी गणेशमलजी के घर पर पगलियाँ किये। वहाँ पर ज्ञानपूजन तथा मांगलिक प्रवचन के पश्चाद् संघपूजा हुई। * पासो सुद २ रविवार दिनांक १-१०-८६ के दिन व्याख्यान में मुम्बई विरले पारले वाले श्रीमान् जसवंत भाई कस्तूरचन्दजी ने संघपूजा की। [८] आसो मास की शाश्वती ओली में ___श्री उपधान तप का प्रारम्भदेसूरी चातुर्मास में पर्वाधिराज श्री पर्युषण महापर्व में बारह मासखमण आदि की विविध तपश्चर्या, श्री पर्युषण महापर्व की अनुपम आराधना एवं श्री पर्युषण महापर्व के पश्चात् महामहोत्सव का सुन्दर आयोजन तथा देवद्रव्यादि में अभिवृद्धि रूप विविध बोलियाँ आदि रेकार्ड रूप में हुई हैं। सोने में सुगन्ध की तरह चातुर्मास के स्वर्ण पृष्ठों में मंगलकारी श्री उपधान मूति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-३०८

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