Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 338
________________ रामजी ने आदेश लेकर जुलूस द्वारा पूज्य श्री भगवतीजी सूत्र की साथ पूज्य आचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ के भी अपने घर पर पगलियाँ करवाये । श्री सिद्धगिरिजी महातीर्थ की ६६ यात्रा विधिपूर्वक कराने की प्रतिज्ञा करने के पश्चाद् संघ पूजा की । श्रीमान् ताराचन्दजी ने भी अपने घर पर पगलियाँ करवाकर संघ पूजा की। ___ उसी दिन 'श्री सिद्धचक्र महापूजन' श्रीमान् देवराज जी मूलचन्दजी की ओर से विधिपूर्वक पढ़ाया गया । -: कात्तिक (मागसर) वद ७ रविवार दिनांक १६-११-८६ के दिन 'श्री पार्श्वपद्मावती पूजन' श्रीमान् पन्नालालजी पूनमचन्दजी अम्बावत परिवार की तरफ से विधिपूर्वक पढ़ाया गया। ? कात्तिक (मागसर) वद ८ सोमवार दिनांक २०-११-८६ के दिन सादड़ी में चातुर्मास करके विहार द्वारा प्रवचनकार पूज्य पंन्यास श्री कुन्दकुन्द विजयजी गणिवर्य तथा पू. मुनि श्री विनयधर्म विजयजी म. पूज्यपाद आचार्य म. सा. को वन्दन करने के लिए देसूरी पधारे । पूज्यपाद आचार्य म. सा. के एवं पूज्य पंन्यासजी . मूत्ति की सिद्धि एवं मूत्तिपूजा की प्राचीनता-३१५

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