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श्रीमान् सेवन्तीलाल कस्तूरचन्द की ओर से तथा चाणस्मा वाले श्रीमान् दीपक भाई चन्दूलाल बेचरदास की तरफ से व्याख्यान में संघपूजा हुई ।
* कार्तिक ( मागसर ) वद ३ बुधवार दिनांक १५-११-८९ के दिन मेवाड़देशोद्धारक पूज्यपाद प्राचार्य श्रीमद् विजय जितेन्द्र सूरीश्वरजी म. सा. आदि स्वागत पूर्वक पधारे। दोनों आचार्य महाराज के संमिलन से श्रीसंघ के प्रानंद में अभिवृद्धि हुई । श्री उपधान तपमाला का ११ छोड़ का उद्यापन एवं पूजनादि युक्त नवा महोत्सव का प्रारम्भ आज के दिन हुआ ।
* कार्तिक ( मागसर ) वद ५ शुक्रवार दिनांक १७- ११-८६ के दिन परम पूज्य आचार्यदेव की वन्दनार्थ श्रीमान् गुमानमलजी लोढा ( भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश ) पधारे ।
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* कार्तिक ( मागसर ) वद ६ शनिवार दिनांक १८-११-८६ के दिन परमपूज्य प्राचार्य भगवन्ते व्याख्यान पूज्य श्री भगवतीजी सूत्र के प्रथम शतक की पूर्णाहुति की । अन्त में भी पूर्व की माफिक प्रथम पूजन गिन्नी से और चार पूजन रूपानारणा से हुए । श्रीमान् कालू
मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता - ३१४